'मोदी की नीतियां पूरे क्षेत्र के लिए खतरा', इमरान खान के मंत्री ने एक बार फिर भारत के आंतरिक मुद्दों पर कि टिप्पणी
By स्वाति सिंह | Updated: December 7, 2020 14:49 IST2020-12-07T14:45:50+5:302020-12-07T14:49:20+5:30
केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान पिछले 11 दिन से आंदोलन कर रहे हैं। किसानों ने लोगों से उनके ‘भारत बंद’ के आह्वान में शामिल होने की अपील की है।

पाकिस्तानी मंत्री ने 'गुजराती हिंदुत्व' को दोषी ठहराते हुए भारतीय किसानों के साथ सहानुभूति दिखाने के कोशिश की
इस्लामाबाद:पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत के आंतरिक मुद्दे पर टिप्पणी की। दरअसल, इमरान खान के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने भारतीय किसानों के बीच फूट पैदा करने का कोशिश की है। उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार पंजाब के किसानों की परवाह नहीं करती है।
पाकिस्तानी मंत्री ने 'गुजराती हिंदुत्व' को दोषी ठहराते हुए भारतीय किसानों के साथ सहानुभूति दिखाने के कोशिश में उन्हें 'भाई' कहकर संबोधित किया है। हुसैन ने ट्वीट किया, 'विरोध प्रदर्शन के 12वें दिन और दिल्ली नहीं सुन रही है। लगता है कि गुजराती हिंदुत्व प्रेरित बीजेपी सरकार को पंजाबी किसानों की कोई परवाह नहीं है। भारतीय सरकार की शर्मनाक विरोधी पंजाब की नीतियां हृदयहीन हैं, मेरा दिल सीमा के दूसरी तरफ मेरे पंजाबी किसान भाइयों के लिए है।
12th day of protests and Delhi is not even listening,seems Gujrati Hinduvata inspired BJP Government has no care for Punjabi farmers, shameful anti Punjab policies of Indian Govt are heartless, my heart goes for my punjabi farmer brothers on the other side of border.. https://t.co/SiDV0nVlro
— Ch Fawad Hussain (@fawadchaudhry) December 7, 2020
हुसैन ने आगे लिखा, 'किसी भी जगह का अन्याय हर जगह के न्याय के लिए खतरा होता है। हमें पंजाबी किसानों के साथ हुए अन्याय के खिलाफ बोलना चाहिए। मोदी की नीतियां पूरे क्षेत्र (एसआईसी) के लिए खतरा हैं'।
Injustice anywhere is a threat to justice everywhere. We must speak up against injustice done to Punjabi farmers Modi policies are a threat to whole region. #FarmersProtesthttps://t.co/eemAteJMuv
— Ch Fawad Hussain (@fawadchaudhry) December 7, 2020
केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान पिछले 11 दिन से आंदोलन कर रहे हैं। किसानों ने लोगों से उनके ‘भारत बंद’ के आह्वान में शामिल होने की अपील की है। कैट और एआईटीडब्ल्यूए ने सोमवार को संयुक्त बयान में कहा कि किसी भी किसान नेता या संगठन ने उनसे इस मुद्दे पर समर्थन नहीं मांगा है। ऐसे में व्यापारी और ट्रांसपोर्टर ‘भारत बंद’ में शामिल नहीं होंगे।