लाइव न्यूज़ :

विश्व नेता प्रयास करें तो जीवाश्म ईंधन को छोड़कर लाखों लोगों को होगा स्वास्थ्य लाभ

By भाषा | Updated: November 10, 2021 11:15 IST

Open in App

एलोइस मरैस, भौतिक भूगोल में एसोसिएट प्रोफेसर, यूसीएल और कर्ण वोहरा, शोध सहायक, यूसीएल

लंदन, 10 नवंबर (द कन्वरसेशन) ऊर्जा के लिए जीवाश्म ईंधन को जलाने से उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ 2) को प्राकृतिक साधनों-जैसे जंगलों और महासागरों- द्वारा वातावरण से हटाने में 300 से 1000 वर्ष का समय लगेगा।

इसका मतलब है कि स्वच्छ ऊर्जा में परिवर्तन के जलवायु लाभ राजनीतिक अवधि सीमा और चुनाव चक्रों की तुलना में कहीं अधिक समय बाद सामने आएंगे। उदाहरण के लिए, एक अमेरिकी अध्ययन में पाया गया कि ऊर्जा क्षेत्र से उत्सर्जन में भारी कटौती से जलवायु में ठंडक 2100 के बाद तक ही आ पाएगी।

जलवायु परिवर्तन को धीमा करने की लागत जलवायु को होने वाले तात्कालिक लाभों से कहीं अधिक है। ग्लासगो में सीओपी26 जैसे जलवायु परिवर्तन सम्मेलनों में अपने कार्यों के लिए पहचान बनाने की कोशिश कर रहे राजनेताओं का उत्सर्जन में तेजी से कमी करने वाली नीतियां बनाने का कोई खास इरादा नहीं है, लेकिन वैश्विक स्वास्थ्य के लिए इसका एक बड़ा, अल्पकालिक लाभ जरूर है।

पृथ्वी के वायुमंडल को गर्म करने वाली ग्रीनहाउस गैसों का उत्पादन करने वाले जीवाश्म ईंधन ही बड़ी मात्रा में वायु प्रदूषक बनाते हैं। स्वास्थ्य के लिए सबसे खतरनाक प्रदूषक छोटे कण होते हैं जो फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं। इन कणों का व्यास 2.5 माइक्रोमीटर से अधिक नहीं होता है, इन्हें पीएम2.5 कहा जाता है। इनमें से कम से कम 800 कण एक पिन के छोटे से छोटे सिरे पर फिट हो सकते हैं। बारिश होने पर ये हवा से बाहर गिर जाते हैं, इसलिए ये सीओ2 की तुलना में बहुत कम समय (बस कुछ दिनों) के लिए वातावरण में बने रहते हैं।

हार्वर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के सहयोग से 2021 में हमने एक अध्ययन प्रकाशित किया, हमने अनुमान लगाया कि विश्व स्तर पर जीवाश्म ईंधन के उपयोग से वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से पांच में से एक अकाल मृत्यु होती है। हमारे नतीजे बताते हैं कि अगर देशों ने पहले ही जीवाश्म ईंधन का परित्याग कर दिया होता तो एक साल में कम से कम 87 लाख शुरुआती वयस्क मौतों से बचा जा सकता था। यह आंकड़ा ग्रेटर लंदन की जनसंख्या के बराबर है।

डीकार्बोनाइजेशन के स्वास्थ्य लाभ

समय से पहले होने वाली मौतों का हमारा अनुमान अन्य शोधकर्ताओं की तुलना में कहीं अधिक है, क्योंकि हमने एक ऐसे मॉडल का उपयोग किया है जो वायु प्रदूषण के स्रोतों और प्रभावों का अनुकरण करता है ताकि इसकी प्रचुरता की गणना बहुत बेहतर पैमाने पर की जा सके। यह शहरी क्षेत्रों में लोगों द्वारा सांस लेने वाले वायु प्रदूषण की सांद्रता की अधिक सटीक तस्वीर देता है। इसके बाद हमने इसका उपयोग नवीनतम स्वास्थ्य अध्ययनों का उपयोग करके अधिक मौतों का अनुमान लगाने के लिए किया, जिसमें पाया गया है कि वायु प्रदूषण पहले की तुलना में घातक है।

वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से असामयिक मौत का सबसे आम कारण हृदय रोग और फेफड़ों का कैंसर है, लेकिन शोधकर्ता नियमित रूप से अतिरिक्त बीमारियों की सूचना भी देते रहते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में हवा की गुणवत्ता के लिए 2005 में पिछली बार अनुशंसित निर्देशों से कहीं ज्यादा सख्त स्वास्थ्य दिशानिर्देश प्रकाशित किए हैं। यह निर्देश इस बात के पर्याप्त सबूत के आधार पर जारी किए गए हैं कि सार्वजनिक स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के प्रभाव वैज्ञानिकों की कल्पना की तुलना में कहीं ज्यादा खराब हैं।

हमारे अध्ययन में शायद जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल समाप्त करने के संभावित सार्वजनिक स्वास्थ्य लाभों को कम करके आंका गया है। हमने केवल एक प्रकार के प्रदूषण की बात की है, पीएम2.5, जो जीवाश्म ईंधन को जलाने से उत्पन्न होता है। जीवाश्म ईंधन आपूर्ति श्रृंखला के अन्य सभी चरणों में वायु प्रदूषकों की एक श्रृंखला उपोत्पाद के रूप में बनती है: जीवाश्म ईंधन को खोजने, निकालने और संसाधित करने से लेकर भंडारण और परिवहन तक।

एक उदाहरण फॉर्मलाडेहाइड गैस है, जो पेट्रोलियम शोधन और प्राकृतिक गैस के जलने के दौरान उत्सर्जित होती है। फॉर्मलाडेहाइड निचले वातावरण में ओजोन बनाने के लिए प्रतिक्रिया करता है, जहां यह जहरीला होता है और अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकता है।

इसके अलावा हमने केवल वयस्कों पर ध्यान केंद्रित किया। बच्चों में वायु प्रदूषण और खराब स्वास्थ्य के बीच संबंध को पूरी तरह से समझा नहीं गया है, लेकिन अब तक के अध्ययनों से पता चला है कि वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से बच्चों का विकास रुक जाता है और बच्चों में मस्तिष्क और फेफड़ों का विकास बाधित होता है। 2020 में एक ऐतिहासिक मामले में, वायु प्रदूषण को सीधे तौर पर लंदन में नौ साल की बच्ची एला किसी-डेबरा की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था।

स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने के पयार्प्त स्वास्थ्य लाभ हैं और वह जल्दी प्राप्त किए जा सकते हैं। वे राजनेताओं को अपने मतदाताओं के जीवन में तत्काल सुधार लाने का एक आकर्षक अवसर प्रदान करते हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटसबसे आगे विराट कोहली, 20 बार प्लेयर ऑफ़ द सीरीज पुरस्कार, देखिए लिस्ट में किसे पीछे छोड़ा

ज़रा हटकेShocking Video: तंदूरी रोटी बनाते समय थूक रहा था अहमद, वीडियो वायरल होने पर अरेस्ट

क्राइम अलर्ट4 महिला सहित 9 अरेस्ट, घर में सेक्स रैकेट, 24400 की नकदी, आपतिजनक सामग्री ओर तीन मोटर साइकिल बरामद

क्रिकेटYashasvi Jaiswal maiden century: टेस्ट, टी20 और वनडे में शतक लगाने वाले छठे भारतीय, 111 गेंद में 100 रन

क्रिकेटVIRAT KOHLI IND vs SA 3rd ODI: 3 मैच, 258 गेंद, 305 रन, 12 छक्के और 24 चौके, रांची, रायपुर और विशाखापत्तनम में किंग विराट कोहली का बल्ला

विश्व अधिक खबरें

विश्व‘बार’ में गोलीबारी और तीन बच्चों समेत 11 की मौत, 14 घायल

विश्वड्रोन हमले में 33 बच्चों सहित 50 लोगों की मौत, आरएसएफ और सूडानी सेना के बीच जारी जंग

विश्वFrance: क्रिसमस इवेंट के दौरान ग्वाडेलोप में हादसा, भीड़ पर चढ़ी कार; 10 की मौत

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद