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सिंगापुर ने बढ़ाई श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के यात्रा पास की अवधि, दो हफ्ते बाद कोलंबो लौटने की संभावना

By मनाली रस्तोगी | Updated: July 27, 2022 13:06 IST

श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को नया वीजा जारी करते हुए देश में उनके रहने की अवधि सिंगापुर सरकार ने और 14 दिन बढ़ा दी है। मीडिया में आयी एक खबर में बुधवार को बताया गया कि राजपक्षे के यात्रा पास की अवधि 11 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी गई है।

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ठळक मुद्देगोटाबाया राजपक्षे श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण अपने खिलाफ जन आक्रोश के बीच देश छोड़कर 13 जुलाई को मालदीव चले गए थे।राजपक्षे वहां से अगले दिन निजी यात्रा पर सिंगापुर आए थे।‘द स्ट्रेट्स टाइम्स’ की खबर के अनुसार, राजपक्षे को नया वीजा जारी किया गया है, यहां उनके रहने की अवधि 11 अगस्त तक बढ़ा दी गई है।

सिंगापुर: सिंगापुर ने श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को अतिरिक्त 14 दिनों के लिए द्वीप गणराज्य में रहने की अनुमति दी है। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी। श्रीलंका के कैबिनेट प्रवक्ता बंडुला गुणवर्धन ने मंगलवार को कोलंबो में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि राजपक्षे के सिंगापुर से देश लौटने की उम्मीद है। हालांकि, अब उन्हें सिंगापुर में अतिरिक्त 14 दिन रहने की इजाजत मिल गई है। 

'द स्ट्रेट्स टाइम्स' की खबर के अनुसार, राजपक्षे को नया वीजा जारी किया गया है, यहां उनके रहने की अवधि 11 अगस्त तक बढ़ा दी गई है। राजपक्षे श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण अपने खिलाफ जन आक्रोश के बीच देश छोड़कर 13 जुलाई को मालदीव चले गए थे और वहां से अगले दिन निजी यात्रा पर सिंगापुर आए थे। 

राजपक्षे 14 जुलाई को मालदीव से सिंगापुर पहुंचे और चांगी हवाई अड्डे पर पहुंचने पर उन्हें 14 दिनों का यात्रा पास जारी किया गया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने द स्ट्रेट्स टाइम्स के हवाले से बताया कि वह शुरू में सिटी सेंटर के एक होटल में रुके थे, लेकिन माना जाता है कि वह एक निजी आवास में चले गए। सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने 14 जुलाई को कहा था कि गोटाबाया राजपक्षे ने न तो शरण मांगी थी और न ही उन्हें कोई शरण दी गई थी।

मंत्रालय ने ये भी कहा था कि सिंगापुर आमतौर पर शरण के लिए अनुरोध नहीं देता है। श्रीलंका के संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने ने 15 जुलाई को राजपक्षे के आधिकारिक इस्तीफे की घोषणा की थी। राजपक्षे के देश छोड़कर इस्तीफा देने के बाद संसदीय वोट में जीत के बाद छह बार के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला।

बता दें कि श्रीलंका सात दशकों में सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जिसके चलते लोग खाद्य पदार्थ, दवा, ईंधन और अन्य जरूरी वस्तुएं खरीदने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 22 मिलियन लोगों का देश कई महीनों के लिए विनाशकारी आर्थिक संकट से अपंग हो गया है। ईंधन, भोजन और अन्य आवश्यकताओं की कमी के कारण आवश्यक आयात के लिए आवश्यक विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड निम्न स्तर पर गिर गया है। 

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