मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग की रोक थाम के अंतरराष्ट्रीय संगठन फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में जारी रखने का फैसला किया है। एफएटीएफ के अनुसार पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी वित्तपोषण पर अंकुश लगाने में विफल रहा, इसलिए वह ग्रे लिस्ट में बना रहेगा।
वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) ने अपनी तीसरी डिजिटल बैठक में यह फैसला किया। इस घटनाक्रम से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, ‘‘एफएटीएफ ने अक्टूबर में होने वाली अगली बैठक तक पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में रखने का निर्णय लिया है।’’ अधिकारी ने बताया कि एफएटीएफ को यह लगता है कि पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को धन उपलब्ध होने पर अंकुश लगाने में विफल रहा, इसलिए यह फैसला लिया गया है।
पेरिस का वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) एक अंत: सरकारी संस्था है जिसकी स्थापना 1989 में धन शोधन, आतंकवाद के वित्त पोषण और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के समक्ष आने वाले अन्य खतरों से निपटने के उद्देश्य से की गई थी।
पाकिस्तान एफएटीफ की ‘ग्रे’ सूची में है और बीते कुछ महीनों से कोशिश कर रहा है कि उसका नाम ऐसे देशों की सूची में ना आ जाए जिनके बारे में माना जाता है कि वे धन शोधन रोधी नियमों और आतंकवाद के वित्त पोषण संबंधी नियमों का पालन नहीं करते हैं।