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वैश्विक समुदाय ने अफगानिस्तान में स्थिति का गलत अनुमान लगाया: जर्मनी

By भाषा | Updated: August 16, 2021 23:13 IST

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बर्लिन, 16 अगस्त (एपी) जर्मनी के विदेश मंत्री हेइको मास ने स्वीकार किया कि जर्मन सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने अफगानिस्तान में स्थिति और तालिबान द्वारा देश पर कब्जा करने की रफ्तार को लेकर गलत अनुमान लगाया। मास ने सोमवार को कहा कि, ‘‘हम सभी, सरकार, खुफिया सेवाएं, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने स्थिति को गलत भांपा। न तो हमने और न ही हमारे सहयोगियों और विशेषज्ञों ने उस तीव्रता का अनुमान लगाया था जितनी जल्दी अफगान सुरक्षा बल पीछे हट गए और आत्मसमर्पण कर दिया। विदेश मंत्री ने कहा कि काबुल की तस्वीरें ‘‘बहुत दर्दनाक’ हैं और सरकार अधिक से अधिक लोगों को निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। मास ने कहा कि दूतावास के 2,500 कर्मचारियों को अफगानिस्तान से निकाला जाना था और इनमें से 1,900 को पहले ही जर्मनी लाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि 600 अभी वहां हैं। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘आरआईए नोवोस्ती’ की खबर के अनुसार रूसी दूतावास ने सोमवार को आरोप लगाया कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी काबुल से चार कारों और नकदी से भरा एक हेलीकॉप्टर लेकर भाग गए हैं। दूतावास के प्रवक्ता निकिता इशचेंको के हवाले से खबर में कहा गया है कि ‘‘शासन का पतन ... सबसे स्पष्ट रूप से इस बात की विशेषता है कि कैसे गनी अफगानिस्तान से भाग गए: चार कार पैसों से भरी हुई थीं, उन्होंने पैसों का एक और हिस्सा हेलीकॉप्टर में डालने की कोशिश की, लेकिन उसे वहीं छोड़ना पड़ा।’’ अफगानिस्तान की राजधानी में तालिबान के घुसते ही गनी रविवार को काबुल छोड़ कर चले गये थे। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि राष्ट्रपति पड़ोसी ताजिकिस्तान या उज्बेकिस्तान गए, लेकिन इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि वह कहां गये हैं।हंगरी के एक अधिकारी ने सोमवार को अफगानिस्तान से अमेरिकी नेतृत्व वाली सेना की वापसी की आलोचना की और कहा कि तालिबान द्वारा अपने कब्जे के बाद हंगरी देश से भागने वाले शरणार्थियों को शरण नहीं देगा। हंगरी के विदेश मंत्रालय के एक राज्य सचिव, लेवेंटे मग्यार ने सरकारी समाचार एजेंसी ‘एमटीआई’ को बताया कि सरकार शरणार्थियों को ‘‘बिना किसी प्रतिबंध के’’ स्वीकार करके अमेरिकी सैनिकों की वापसी के ‘‘त्रुटिपूर्ण फैसले’’ के लिए हंगरी के लोगों को भुगतान नहीं करेगी। इस बीच तालिबान ने सरकार द्वारा जारी हथियारों की तलाश में सोमवार को राजधानी काबुल में अफगानिस्तान के सबसे लोकप्रिय ‘तोलो-टीवी’ परिसर में प्रवेश किया। स्टेशन के मालिक साद मोहसिनी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने हथियारों की जांच के लिए कुछ लोगों को भेजा। वे सरकार द्वारा जारी हथियार और अन्य संपत्ति इकट्ठा कर रहे हैं, उन्होंने हमें अपने हथियार रखने दिए।’’ जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल की मध्य-दक्षिणपंथी पार्टी के प्रमुख ने तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद अफगान शरणार्थियों को शरण देने के संबंध में किसी भी तरह की प्रतिबद्धता जताने से इनकार कर दिया है। सप्ताहांत में तालिबान द्वारा संघर्षग्रस्त देश पर नियंत्रण करने के बाद अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति पर चर्चा करने के लिए नाटो के दूत मंगलवार को मिलने वाले हैं। तीस देशों के सैन्य संगठन ने सोमवार को कहा कि उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग मंगलवार सुबह राजदूतों की बैठक की अध्यक्षता करेंगे और इसके बाद संवाददाता सम्मेलन करेंगे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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