अमेरिका ने ईरानी कुद्स सेना के जनरल कासिम सुलेमानी को मारने के लिए एमक्यू-9 रीपर ड्रोन का इस्तेमाल किया है। अमेरिकी मीडिया के हवाले से यह जानकारी आई है। यह ड्रोन तलाश और विध्वंस का दोहरा काम करने में माहिर है। इसलिए इसका इस्तेमाल ऐसे लक्ष्य को भेदने में किया जाता है जिसे ज्यादा देर तक ट्रैक करना अथवा नजर बनाए रखना संभव ना हो। यह अचूक ड्रोन मिनटों में काम तमाम कर देता है। यह साल 2007 से अमेरिकी वायुसेना में शामिल है। अमेरिका पहले भी कई ऑपरेशन में इस ड्रोन का इस्तेमाल कर चुका है।
MQ-9 रीपर ड्रोन को अमेरिका ने विदेशी सैन्य अभियानों के तैयार किया है। इसका वजह 2222 किलोग्राम है। यह दूर से संचालित होता है और बेहद कम समय में लक्ष्य पर निशाना साध लेता है। इस ड्रोन की खासियत है कि ये एकसाथ कई टास्क को अंजाम दे सकता है।
आपको बता दें कि अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स के शक्तिशाली कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की शुक्रवार को मौत हो गई थी। सुलेमानी अपने काफिले के साथ बगदाद एयरपोर्ट की तरफ बढ़ रहे थे जब अमेरिका ने उनकर बिल्कुल अचूक निशाना साधा। जनरल सुलेमानी (62) को अयातुल्ला खामेनी के बाद ईरान में सबसे ताकतवर माना जाता था। उनका कुद्स फोर्स ईरानी रेवोल्यूशनरी गार्ड्स की एक इकाई था जो सीधे-सीधे अयातुल्ला को रिपोर्ट करता है।
अमेरिका और ईरान के बीच छद्म युद्ध शुरू होने की बढ़ती आशंकाओं के बीच अमेरिकी ड्रोन हमले में एक शीर्ष ईरानी जनरल की मौत के एक दिन बाद शनिवार तड़के अमेरिका ने एक ताजा हवाई हमले में इराक के हशद अल शाबी अर्द्धसैन्य बल के सदस्यों को निशाना बनाया।
अमेरिका के ड्रोन हमले में बगदाद में शुक्रवार को मारे गए ईरानी कुद्स बल के कमांडर कासिम सुलेमानी और इराकी अर्द्धसैन्य बल के उप प्रमुख अबु महदी अल मुहंदिस के लिए शोक मार्च निकाला जाना था जिसके कुछ ही घंटों पहले अमेरिका ने एक और हमला कर दिया। ईरान और अमेरिका के बीच बेहद तनावपूर्ण स्थिति के बीच ये हमले सबसे नाटकीय घटनाक्रम है। अमेरिका के इन हमलों का पूरी दुनिया पर असर देखने को मिल सकता है।