इस्लामाबाद: पाकिस्तान की सत्ता से बेदखल होने के बाद इमरान खान ने ट्विटर पर ये कहा है कि वे आज से सत्ता परिवर्तन की विदेशी साजिश के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम शुरू कर रहे हैं। इमरान ने रविवार को सोशल मीडिया पर लिखा, 1947 में पाकिस्तान एक स्वतंत्र राज्य बना; लेकिन स्वतंत्रता संग्राम आज फिर से सत्ता परिवर्तन की एक विदेशी साजिश के खिलाफ शुरू होता है। यह हमेशा देश के लोग हैं जो अपनी संप्रभुता और लोकतंत्र की रक्षा करते हैं।
पाकिस्तान की फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की ओर से आदेश जारी किए गए हैं कि इमरान खान की सरकार से जुड़े किसी भी सरकारी अधिकारी को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) के बिना विदेश यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी। इतना ही नहीं, एजेंसी ने इस संबंध में जरूरी निर्देश सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों को भी दिए हैं। साथ ही अपने ऑफिसर्स को हाईअलर्ट पर रखा है।
दरअसल पिछले कई दिनों से पाकिस्तान में सियासी संकट चल रहा था। इमरान खान ऐसी सरकार चला रहे थे, जिसके पास पूर्ण बहुमत नहीं था। विपक्षी दलों ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया और 3 अप्रैल को उस पर वोटिंग होना तय हुआ। लेकिन वोटिंग वाले दिन मतदान से पहले ही इमरान खान ने सबको चौंकाते हुए नेशनल असेंबली को भंग करवा दिया।
इसके बाद मामला पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। कोर्ट ने चार दिन की सुनवाई के बाद गुरुवार को इमरान खान के खिलाफ दिया। पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने असेंबली को फिर से बहाल करने और 9 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने का फैसला सुनाया।
कोर्ट के फैसले से यह तय हो गया कि अब इमरान की कुर्सी जाएगी ही जाएगी। लेकिन इमरान खान वोटिंग में देरी कराते रहे। देर रात वोटिंग हुई और इस वोटिंग में इमरान खान के खिलाफ 174 वोट पड़े।