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अमेरिका: फ्लॉयड के मौत मामले में नया मोड़, पुलिस अधिकारियों के गले में पहने कैमरों से खुल सकते हैं घटना के राज

By भाषा | Updated: June 14, 2020 05:14 IST

पिछले दिनों एक अमेरिकी पुलिस अधिकारी डेरेक शॉविन ने फ्लॉयड नाम के एक अश्वेत को सरेआम जमीन पर पटककर उनकी गर्दन पर अपना घुटना रख रखा था। इससे उसकी मौत हो गई और बाद में पूरे अमेरिका में हिंसक आंदोलन शुरू हो गया।

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ठळक मुद्देफोरेंसिक विशेषज्ञ माइकल प्रिम्यू कहा कि जो कैमरा पुलिस अधिकारियों ने पहन रखा था, उससे इस बारे में और जानकारी मिल सकती है।फोरेंसिक विशेषज्ञ ने कहा कि पुलिस के गले में लटका प्रमाणित वीडियो कैमरा प्रत्यक्षदर्शी के समान होता है। आपराधिक हिरासत ब्यूरो के एक प्रवक्ता ब्रूस गॉर्ड ने पुष्टि की कि पुलिस अधिकारियों ने जो कैमरे पहन रखे थे, उनमें पूरी घटना कैद हुई है।

मिनियापोलिस: अमेरिका के एक ऑडियो-वीडियो फॉरेंसिक विशेषज्ञ का कहना है कि जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के समय पुलिस अधिकारियों ने जो कैमरे अपने गले में डाल रखे थे, उससे इस मामले में कई राज खुल सकते हैं। हाल ही में अमेरिका के मिनियापोलिस में काले नागरिक फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी, जिसके बाद से अमेरिका के कई शहरों विरोध प्रदर्शन जारी हैं।

इस घटना का एक वीडियो सामने आया था जिसमें एक पुलिस अधिकारी डेरेक शॉविन ने हथकड़ी फ्लॉयड को सरेआम जमीन पर पटककर उनकी गर्दन पर अपना घुटना रख रखा था। उनके तीन साथियों ने भी फ्लॉयड को पकड़ रखा था। इस दौरान सांस लेने में परेशानी के चलते फ्लॉयड की मौत हो गई थी। घटना का यह वीडियो एक राहगीर ने बनाया था।

इस मामले में सुनवाई शुरू होने या मामला सुलझने तक वीडियो सार्वजनिक किये जाने की संभावना नहीं

मिशिनग स्थित प्रिम्यू फोरेंसिक लैब में ऑडियो-वीडियो फोरेंसिक विशेषज्ञ माइकल प्रिम्यू कहा कि जो कैमरा पुलिस अधिकारियों ने पहन रखा था, उससे इस बारे में और जानकारी मिल सकती है कि उस वक्त असल में क्या हुआ था और अधिकारियों तथा फ्लॉयड के बीच क्या बातचीत हुई थी। प्रिम्यू ने कहा, '' एक प्रमाणित वीडियो कैमरा प्रत्यक्षदर्शी के समान होता है।

उसकी गवाही ली जा सकती है।'' हालांकि पुलिस अधिकारियों द्वारा पहने गए कैमरे की वीडियो, सुनवाई शुरू होने या मामला सुलझने तक सार्वजनिक किये जाने की संभावना नहीं है। इस घटना के बाद कई वीडियो सामने आ चुकी हैं, लेकिन पूरी घटना को लेकर अभी तक कोई वीडियो सामने नहीं आया है।

पुलिसकर्मियों ने विभाग की नीति के अनुसार कैमरे गले में डाल रखे थे-

पुलिस प्रवक्ता जॉन एल्डर ने कहा कि उन्हें बताया गया है चारों पुलिसकर्मियों ने विभाग की नीति के अनुसार कैमरे गले में डाल रखे थे। नियमों के अनुसार मिनियापोलिस पुलिस के अधिकारियों को घटनास्थल पर जाने से पहले अपने गले में पहने कैमरों को चालू करना होता है।

फ्लॉयड के मामले में आपराधिक हिरासत ब्यूरो के एक प्रवक्ता ब्रूस गॉर्ड ने पुष्टि की कि पुलिस अधिकारियों ने जो कैमरे पहन रखे थे, उनमें पूरी घटना कैद हुई है। लिहाजा ऐसे में सबकी निगाहें उनके कैमरों से बनी वीडियो पर टिकी हैं।  

 

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