जापान के सम्राट नारुहितो ने सिंहासन संभाला, देश के 126वें सम्राट बने, राष्ट्रपति कोविंद भी हुए शामिल

By भाषा | Published: October 22, 2019 07:36 PM2019-10-22T19:36:49+5:302019-10-22T19:36:49+5:30

नारुहितो के राज्याभिषेक की प्रक्रियाएं इस वर्ष के आरंभ में उनके पिता के पदत्याग के साथ शुरू हुई थीं जिन्होंने स्वास्थ्य कारणों से राजसिंहासन छोड़ने की इच्छा जताई थी।

Emperor Naruhito of Japan assumed the throne, became the 126th Emperor of the country, President Kovind was also included. | जापान के सम्राट नारुहितो ने सिंहासन संभाला, देश के 126वें सम्राट बने, राष्ट्रपति कोविंद भी हुए शामिल

राज्याभिषेक से संबंधित मुख्य समारोह ‘इंपीरियल पैलेस’ के ‘पाइन रूम’ में हुआ जहां इस क्षण की साक्षी बनने के लिए सैकड़ों हस्तियां मौजूद थीं।

Highlightsजापान के नए सम्राट के राज्याभिषेक में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द सहित दुनियाभर की अनेक राजनीतिक हस्तियां शामिल हुईं।देश में भीषण तूफान के चलते राज्याभिषेक के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाली सार्वजनिक परेड को रद्द कर दिया गया था।

जापान के सम्राट नारुहितो ने मंगलवार को अपना राज्याभिषेक समारोह संपन्न होने के बाद राजसिंहासन संभाल लिया। देश में राजवंश की परंपरा दो हजार साल पुरानी बताई जाती है।

राज्याभिषेक संबंधी रस्में पूरी होने के बाद सम्राट अकिहितो ने 'क्राइसैंथिमम थ्रोन' (राजसिंहासन) अपने बेटे नारुहितो के हवाले कर दिया और इस तरह नारुहितो देश के 126वें सम्राट बन गए। नारुहितो के राज्याभिषेक की प्रक्रियाएं इस वर्ष के आरंभ में उनके पिता के पदत्याग के साथ शुरू हुई थीं जिन्होंने स्वास्थ्य कारणों से राजसिंहासन छोड़ने की इच्छा जताई थी।

जापान के नए सम्राट के राज्याभिषेक में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द सहित दुनियाभर की अनेक राजनीतिक हस्तियां शामिल हुईं। देश में भीषण तूफान के चलते राज्याभिषेक के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाली सार्वजनिक परेड को रद्द कर दिया गया था, लेकिन सरकार ने इस अवसर के महत्व को देखते हुए यातायात नियमों के उल्लंघन सहित मामूली अपराधों में शामिल पांच लाख से अधिक लोगों क्षमादान दे दिया था। राज्याभिषेक से संबंधित मुख्य समारोह ‘इंपीरियल पैलेस’ के ‘पाइन रूम’ में हुआ जहां इस क्षण की साक्षी बनने के लिए सैकड़ों हस्तियां मौजूद थीं।

राज्याभिषेक के दौरान नए सम्राट के साथ उनकी पत्नी एवं महारानी मसाको भी खड़ी थीं। सिंहासन पर आरूढ़ होने के बाद सम्राट नारुहितो ने कहा, ‘मैं एतद् द्वारा देश और विदेश में अपने सिंहासन आरूढ़ होने की घोषणा करता हूं।’’ हार्वर्ड शिक्षित एवं पूर्व राजनयिक मसाको महारानी के रूप में अपने सिंहासन के सामने शांत खड़ी हुई थीं। राजसिंहासन मिलने के बाद नारुहितो ने कहा, ‘‘मैं यह प्रतिज्ञा लेता हूं कि मैं जापानी लोगों और विश्व शांति की खुशहाली के लिए कामना करूंगा तथा जापान के प्रतीक के रूप में और जापानी लोगों की एकता के रूप में अपने कर्तव्य का पालन करूंगा।’’

सम्राट और राजपरिवार के लोगों के साथ खड़े जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने वायदा करते हुए कहा, ‘‘महामहिम सम्राट, जापान देश और जापानी लोगों की एकता के रूप में जापान के लोग हमेशा आपका सम्मान करेंगे।’’ इसके बाद उन्होंने तीन बार अपना हाथ उठाया और ‘बंजाई’ का नारा लगाया जिसका अर्थ है ‘‘सम्राट अमर रहें।’’

सम्राट नारुहितो और महारानी मसाको 17 वर्षीय पुत्री आइको के अभिभावक हैं। राजपरिवार के नियम किसी पुरुष को ही राजसिंहासन सौंपे जाने की अनुमति देते हैं। यदि राजपरिवार की कोई महिला किसी आम व्यक्ति से शादी कर लेती है तो वह राजपरिवार के अधिकार खो देती है।

नारुहितो के सम्राट बनने के बाद अब उनके भाई अकिशिनो युवराज बन गए हैं। अकिशिनो का 13 वर्षीय पुत्र हिसाहितो वर्तमान में राजपरिवार का एकमात्र उत्तराधिकारी है। राजसिंहासन के उत्तराधिकार से जुड़े नियमों में बदलाव करने का सवाल समय-समय पर उठता रहा है। राष्ट्रीय प्रसारक एनएचके के अनुसार, 74 प्रतिशत लोग नियमों में बदलाव के पक्षधर हैं, लेकिन अब तक औपचारिक तौर पर इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। 

सम्राट नारुहितो के राज्याभिषेक समारोह में शामिल होने जापान पहुंचे राष्ट्रपति कोविंद

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जापान के सम्राट नारुहितो के राज्याभिषेक समारोह में शामिल होने के लिये सोमवार को यहां पहुंचे। वह तोक्यो में एक बौद्ध मंदिर भी गये और वहां बोधि वृक्ष से तैयार किया गया एक पौधा लगाया। राष्ट्रपति इस पौधे को अपने साथ भारत से लेकर आए थे।

जपान में 19 वर्ष के अंतराल बाद भारतीय राष्ट्रपति का जापान दौरा हो रहा है। इससे पहले 1990 में तत्कालीन राष्ट्रपति आर वेंकटरमण ने सम्राट एमेरिटस अकिहोतो के राज्याभिषेक समारोह में हिस्सा लिया था। सम्राट अकिहोतो ने पिछले साल अपना पद छोड़ा है।

राष्ट्रपति अपनी पांच दिन की फिलीपीन की राजकीय यात्रा के बाद आज सुबह तोक्यो पहुंचे। राष्ट्रपति भवन की तरफ से किये गए ट्वीट के मुताबिक वह मंगलवार को सम्राट नारुहितो के राज्याभिषेक समारोह में शामिल होंगे। कोविंद बाद में त्सुकिजी होंगवांजी बौद्ध मंदिर गए जो एक लोकप्रिय तीर्थस्थल है। राष्ट्रपति ने अंग्रेजी और जापानी भाषा में किये गए ट्वीट में कहा, “तोक्यो के त्सुकिजी होंगवांजी बौद्ध मंदिर का जाकर प्रसन्न हूं। मंदिर में बोधि वृक्ष का पौधा लगाया जो मैं अपने साथ भारत से लेकर आया था।

यह पौधा अब अपने नए पावन माहौल में पनपेगा तथा भारत-जापान सभ्यता संबंधों और हमारी साझा विरासत का प्रतीक होगा।” उन्होंने तोक्यो में शिंटो मीजी समाधि भी गए। यह समाधि महाराज मीजी और उनकी पत्नी सम्राज्ञी शोकेन की है। इस बीच नारुहितो अपने राज्याभिषेक समारोह के बाद खुद को जापान का 126वां सम्राट घोषित कर सकेंगे। राज्याभिषेक की रस्में सातवीं शताब्दी के समय की हैं। 

Web Title: Emperor Naruhito of Japan assumed the throne, became the 126th Emperor of the country, President Kovind was also included.

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