यूरोप में 12-17 साल के किशोरों को लगनी शुरू हुई वैक्सीन, ईएमए ने दी मंजूरी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 24, 2021 09:36 IST2021-07-24T09:36:54+5:302021-07-24T09:36:54+5:30
ईएमए ने कहा कि 12 से 17 वर्ष की आयु के 3,732 बच्चों में स्पाइकवैक्स के प्रभावों का अध्ययन किया गया है. यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी के मुताबिक अध्ययन से पता चला है कि स्पाइकवैक्स ने 12 से 17 साल के बच्चों में एंटीबॉडी प्रतिक्रिया का उत्पादन किया

यूरोप में 12-17 साल के किशोरों को लगनी शुरू हुई वैक्सीन, ईएमए ने दी मंजूरी
यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (EMA) ने शुक्रवार को 12 से 17 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए मॉडर्ना की कोरोना वायरस वैक्सीन के उपयोग को मंजूरी दे दी। इस तरह से यह, यूरोप पर किशोरों के कोरोना वायरस से बचाव में उपयोग के लिए उपलब्ध दूसरी वैक्सीन बन गई।
12 से 17 साल की उम्र के बच्चों को लगेगी स्पाइकवैक्स
यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) ने मॉडर्ना के ब्रांड नाम का इस्तेमाल करते हुए कहा कि "12 से 17 साल की उम्र के बच्चों में स्पाइकवैक्स वैक्सीन का इस्तेमाल 18 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों की तरह ही होगा." टीके के दो डोज इंजेक्शन के जरिए दिए जाएंगे. दूसरा डोज चार सप्ताह के अंतराल पर दिया जाएगा।
वयस्कों की तरह वैक्सीन से शरीर में बनती है एंटीबॉडी
ईएमए ने कहा कि 12 से 17 वर्ष की आयु के 3,732 बच्चों में स्पाइकवैक्स के प्रभावों का अध्ययन किया गया है. यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी के मुताबिक अध्ययन से पता चला है कि स्पाइकवैक्स ने 12 से 17 साल के बच्चों में एंटीबॉडी प्रतिक्रिया का उत्पादन किया, जो कि 18 से 25 वर्ष की आयु के युवा वयस्कों में भी देखा गया था। यूरोपीय यूनियन ने गुरुवार को कहा कि 200 मिलियन यूरोपीय लोगों को पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है।
भारत में भी इस आयु ग्रुप के लिए वैक्सीन की मांग तेज हो गई है।