भारत को यूएन की सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट नहीं मिलने पर भड़के एलन मस्क, एक्स पर बोले- "सबसे बड़ी आबादी वाले भारत का दावेदारी मजबूत, नहीं मिलना 'बेतुका' है"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 23, 2024 12:03 PM2024-01-23T12:03:22+5:302024-01-23T12:07:22+5:30
विश्व के सबसे दौलतमंद शख्स एलन मस्क ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय मामलों की संस्था संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत को स्थायी सीट न मिलने पर नाराजगी जताई है।
न्यूयॉर्क: विश्व के सबसे दौलतमंद शख्स एलन मस्क ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय मामलों की संस्था संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत को स्थायी सीट न मिलने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि भारत विश्व का एक मजबूत देश है और उसे सुरक्षा परिषद में जगह नहीं दिया जाना बेहद 'बेतुका' है।
इस पूरे प्रकरण में सबसे दिलचस्प बात यह है कि टेस्ला प्रमुख ने बीते रविवार को सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर किये एक पोस्ट में कहा, "इस दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट नहीं मिलना बहुत बेतुका है।"
At some point, there needs to be a revision of the UN bodies.
— Elon Musk (@elonmusk) January 21, 2024
Problem is that those with excess power don’t want to give it up.
India not having a permanent seat on the Security Council, despite being the most populous country on Earth, is absurd.
Africa collectively should…
दरअसल भारत यूएन की सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए बेहद सशक्त उम्मीदवार है, बावजूद उसके सुरक्षा परिषद सुधार पर हो रही चर्चा में प्रगति की कमी पर भारत ने असंतोष व्यक्त किया है। वर्तमान में यूएनएससी में पांच स्थायी सदस्य और दस गैर-स्थायी सदस्य होते हैं, जो संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दो साल के लिए चुने जाते हैं।
वहीं पांच स्थायी सदस्यों की बात करें तो उसमें रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और अमेरिका जैसे महाशक्तिशाली देश शामिल हैं, जो सुरक्षा परिषद के किसी भी महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर वीटो शक्ति रखते हैं।
भारत के संबंध में दुनिया के सबसे अमीर अरबपति एलन मस्क ने कहा, "यूएन की स्थायी सदस्यों में भारत की नहीं हो रही नियुक्ति के मामले में सबसे गंभीर समस्या यह है कि जिन देशों के पास अतिरिक्त शक्ति है वे इसे छोड़ना नहीं चाहते हैं।"
मालूम हो कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र संस्थानों में सुधारों की वकालत की थी। यूएन महासचिव गुटेरेस ने कहा था, “यूएन की संस्थानों को आज की दुनिया को प्रतिबिंबित करना चाहिए न कि 80 साल पहले की दुनिया को। सितंबर का शिखर सम्मेलन वैश्विक शासन सुधारों पर विचार करने और विश्वास के पुनर्निर्माण का बेहतरीन अवसर होगा।
इसी संबंध में एक उद्योगपति माइकल ईसेनबर्ग ने कहा, “यही है लेकिन भारत के बारे में क्या? बेहतर तो यह है कि संयुक्त राष्ट्र को ख़त्म कर दिया जाए और वास्तविक नेतृत्व के साथ कुछ नया बनाया जाए।”
एलन मस्क ने उद्योगपति माइकल ईसेनबर्ग के एक्स पर किये इसी पोस्ट का जवाब देते हुए कहा, "अफ्रीका को सामूहिक रूप से भी एक स्थायी सीट मिलनी चाहिए।"
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भविष्य का शिखर सम्मेलन, जिसका शीर्षक "भविष्य का शिखर सम्मेलन: बेहतर कल के लिए बहुपक्षीय समाधान" है। उसे 22-23 सितंबर को होने तय किया है।