बाज और उल्लू करते हैं इस देश में राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा, जानें इसकी वजह
By स्वाति सिंह | Published: December 5, 2020 02:46 PM2020-12-05T14:46:18+5:302020-12-05T15:05:07+5:30
रूस में बाज और उल्लू जैसे पक्षियों को भी राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा में तैनात किया गया। ये पक्षी फेडरल गार्ड सर्विस (FGS) का हिस्सा हैं।
रूस के राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन और उस पूरे VIP जोन के सुरक्षा में कमांडों के साथ खतरनाक शिकारी पक्षी भी तैनात हैं। जी हाँ, साल 1984 से ये पक्षी FGS का हिस्सा हैं। रेप्टर नाम का शिकारी परिंदा इस स्क्वाड का लीडर है। इसके अलावा टीम में फिलहाल 10 से ज्यादा बाज और उल्लू हैं। इन बाजों और उल्लुओं को सुरक्षा के लिहाज से खास तरह की ट्रेनिंग दी गई है।
इन सभी शिकारी परिंदों को विशेष ट्रेनिग दे कर सुरक्षा में तैनात किया गया है। ये शिकारी पक्षी किसी आतंकी हमले को नाकाम करने के मकसद से नहीं रखे गए हैं, इन्हें खास मकसद से VIP बिल्डिंग्स में तैनात किया गया है। दरअसल इन खतरनाक शिकारी पक्षियों के जिम्मे यहां गंदगी फैलाने वाले दूसरे पक्षियों को भगाने की ज़िम्मेदारी है। इन इमारतों पर कौवे व दूसरे पक्षी मल-मूत्र और गंदगी ना करें इसी लिए इन शिकारी पक्षियों की तैनाती राष्ट्रपति भवन में हुई है। ये पक्षी इतने ट्रेंड होते हैं यदि कोई कौवा या पक्षी राष्ट्रपति भवन के पास फटकता है तो ये शिकारी परिंदे उन्हें या तो दूर भगा देते हैं या मार गिराते हैं।
बता दें कि इस बारे में सोवियत संघ के दौरान राष्ट्रपति भवन के सुपरिंटेंडेंट रहे पावेल मेल्कॉव ने अपने किताब में भी इस समस्या का जिक्र किया है। लेनिन ने आने के बाद गौर किया कि केवल कौओं को मारने के लिए रूस कितना गोलाबारूद और मैनपावर बेकार कर रहा है। तब उन्होंने ही इसपर रोक लगाने की बात की। हालांकि इससे समस्या तो खत्म होनी नहीं थी।