इमरान खान के साथ मीटिंग में डॉ शकील अफरीदी की रिहाई का मुद्दा उठाएंगे ट्रंप, ओसामा बिन लादेन से जुड़ा है कनेक्शन

By भाषा | Published: July 20, 2019 12:10 PM2019-07-20T12:10:22+5:302019-07-20T12:10:22+5:30

एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि खान को व्हाइट हाउस आने का निमंत्रण देकर अमेरिका, पाकिस्तान को यह संदेश देना चाहता है कि अगर पाकिस्तान आतंकवादियों के संबंध में अपनी ‘‘नीतियों को बदलता’’ है तो संबंधों को सुधारने और स्थायी साझेदारी बनाने के वास्ते दरवाजा खुला है।

donald trump will raise the issue of dr shakeel afridi in front of imran khan, who helped in osama operation | इमरान खान के साथ मीटिंग में डॉ शकील अफरीदी की रिहाई का मुद्दा उठाएंगे ट्रंप, ओसामा बिन लादेन से जुड़ा है कनेक्शन

इमरान खान के साथ मीटिंग में डॉ शकील अफरीदी की रिहाई का मुद्दा उठाएंगे ट्रंप, ओसामा बिन लादेन से जुड़ा है कनेक्शन

Highlightsक्रिकेटर से नेता बने 66 वर्षीय खान का सोमवार को ट्रंप के ओवल कार्यालय में उनसे मुलाकात करने का कार्यक्रम है।करीब चार साल में किसी पाकिस्तानी नेता की यह पहली मुलाकात है।

अमेरिका मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद समेत आतंकवादी संगठनों के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाई को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहा है और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले सप्ताह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात के दौरान आतंकवादियों तथा आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने और अफगानिस्तान में तालिबान के साथ शांति वार्ता में मदद देने पर जोर देंगे।

एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि खान को व्हाइट हाउस आने का निमंत्रण देकर अमेरिका, पाकिस्तान को यह संदेश देना चाहता है कि अगर पाकिस्तान आतंकवादियों के संबंध में अपनी ‘‘नीतियों को बदलता’’ है तो संबंधों को सुधारने और स्थायी साझेदारी बनाने के वास्ते दरवाजा खुला है। ट्रंप के साल 2017 में पद संभालने के बाद से ही पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संबंध अस्थिर रहे हैं।

क्रिकेटर से नेता बने 66 वर्षीय खान का सोमवार को ट्रंप के ओवल कार्यालय में उनसे मुलाकात करने का कार्यक्रम है। करीब चार साल में किसी पाकिस्तानी नेता की यह पहली मुलाकात है। आखिरी बार अक्टूबर 2015 में नवाज शरीफ ने अमेरिका की यात्रा की थी। वह ट्रंप के निमंत्रण पर अमेरिका की यात्रा कर रहे हैं और प्रशासन उनका गर्मजोशी से स्वागत करने की तैयारी कर रहा है। हालांकि, यात्रा के मद्देनजर एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सुरक्षा मदद को तब तक हटाने से इनकार कर दिया जब तक वह आतंकवादियों और आतंकवादी समूहों के खिलाफ सतत, निर्णायक और ठोस कार्रवाई नहीं करता।

अधिकारी ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘ जैसा कि आप जानते हैं कि हमने जनवरी 2018 में पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता रोक दी। और अभी तक इस रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।’’ संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित सईद को बुधवार को गिरफ्तार किया गया। यह दिसंबर 2001 के बाद से उसकी सातवीं गिरफ्तारी है। 2001 में भारत की संसद पर हुए आतंकवादी हमले के फौरन बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। पाकिस्तान ने आतंकवादी समूह के खिलाफ क्या कदम उठाए हैं और क्या अमेरिका को उनमें भरोसा है, यह पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा, “मैं आपको एक बार फिर आश्वस्त करता हूं, पहले की बातों से यह पूरी तरह स्पष्ट है।

इन समूहों को पाकिस्तानी सेना की खुफिया सेवाओं से किस तरह का समर्थन मिलता है, इसे लेकर हमें कोई भ्रम नहीं है। इसलिए हम ठोस कार्रवाई चाह रहे हैं।” अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “मैंने गौर किया कि पाकिस्तान ने कुछ आतंकवादी समूहों की संपत्तियां जब्त करने की प्रतिबद्धता जैसे कुछ शुरुआती कदम उठाए हैं। और निश्चित ही उन्होंने लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज मुहम्मद सईद को गिरफ्तार किया जो 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार है।’’

लेकिन उन्होंने फौरन ही इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि यह सातवीं बार है जब सईद को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारी ने कहा कि उसे पूर्व में भी गिरफ्तार किया गया और रिहा किया गया है, इसलिए हम किसी तरह के भ्रम में नहीं रहते।

उन्होंने कहा, “हम देखना चाहते हैं कि पाकिस्तान इन लोगों के खिलाफ सचमुच कार्रवाई करे।” वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा, “दरअसल हाफिज सईद की पूर्व में हुई गिरफ्तारियों से कोई फर्क नहीं पड़ा है और लश्कर-ए-तैयबा काम कर ही रहा है।”

उन्होंने एक कांफ्रेंस कॉल के दौरान पत्रकारों से कहा, ‘‘इस यात्रा का मकसद अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया में आगे बढ़ने के लिए पाकिस्तान से ठोस सहयोग चाहना और पाकिस्तान को उसके क्षेत्र में आतंकवादियों पर हाल की कार्रवाई के प्रयासों को बढ़ाने के लिए प्रेरित करना है।’’

खान की यात्रा अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया में मदद देने के लिए पाकिस्तान को तालिबान पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करने का अवसर है। साथ ही, बैठक के दौरान शकील अफरीदी को रिहा करने के मुद्दे पर भी चर्चा होगी।

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘यह राष्ट्रपति और अमेरिकी लोगों के लिए बेहद अहम मुद्दा है। मुझे लगता है कि पाकिस्तान की जेल में अन्यायपूर्ण रूप से बंद डॉ. अफरीदी को रिहा करके पाकिस्तान क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अपने नेतृत्व की भूमिका का प्रदर्शन कर सकता है।’’

अमेरिका का राष्ट्रपति निर्वाचित होने से पहले ट्रंप ने अपने प्रचार अभियान के दौरान कहा था कि वह पाकिस्तान से दो मिनट के भीतर अफरीदी को रिहा करा देंगे। अफरीदी ने 2011 में अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन का पता बताने में सीआईए की मदद की थी। उन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया और अब वह पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। 

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