वाशिंगटन, 19 जून: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को आगाह किया है कि अगर उसने 'अनुचित व्यापार व्यवहार' बंद नहीं किया तो 200 अरब डॉलर मूल्य के और चीनी सामान पर अतिरिक्त शुल्क लगा दिया जाएगा। वहीं बीजिंग में चीन के वाणिज्य मंत्री ने ट्रंप की नयी चेतावनी पर त्वरित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने चेताया कि अगर अमेरिका नये शुल्क लगाता है तो चीन 'कड़ी प्रतिक्रिया के लिए व्यापक कदम उठाएगा।'
इससे दुनिया की इन दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच वह व्यापार युद्ध और गहराता नजर आ रहा है जिसने वैश्विक शेयर बाजारों को हिला रखा है। ट्रंप अपनी 'अमेरिका सबसे पहले' नीति के तहत लगातार यह कह रहे हैं कि अमेरिका के साथ बड़े व्यापार असंतुलन से चीन को अनुचित फायदा हो रहा है। यह व्यापार असंतुलन इस समय अनुमानित 376 अरब डालर है। 2016 के चुनाव अभियान के दौरान , ट्रंप ने अमेरिकी व्यापार घाटे पर काबू पाने के लिए शुल्क लगाने का वादा किया था।
व्हाइट हाउस का कहना है कि अगर चीन , अमेरिका द्वारा पिछले सप्ताह घोषित अतिरिक्त शुल्कों पर 'पलटवार की अपनी बात पर अडिग रहता है तो अमेरिका 200 अरब डालर मूल्य की अतिरिक्त चीनी वस्तुओं पर अतिरिक्त शुल्क लगाएगा।' ट्रंप ने कल एक बयान में कहा, 'हमें आगे और कार्रवाई करनी होगी ताकि चीन पर अपने अपने अनुचित व्यवहार में बदलाव लाने , अमेरिका के उत्पादों के लिए अपने बाजारों को खोलने तथा हमारे साथ और संतुलित व्यापार संबंध कायम करने का दबाव बनाया जा सके। ’
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह अमेरिका ने चीन के 50 अरब डॉलर के सामान पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की थी। चीन ने इसके जवाब में अमेरिका के 50 अरब डॉलर के 659 उत्पादों पर शुल्क लगाने की घोषणा की थी। ट्रंप के अनुसार उन्होंने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर से चीन से आयातित उन उत्पादों की दूसरी खेप की पहचान करने को कहा है जिन पर दस प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया जा सकता है।
ट्रंप ने कहा कि यदि चीन अपने व्यवहार में बदलाव नहीं लाता है तो कानूनी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद चीन के 200 अरब डॉलर के सामान पर अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि चीन की ताजा कार्रवाई इस बात का संकेत है कि वह अमेरिका को स्थायी रूप से अनुचित नुकसान में रखना चाहता है। इस बात का पता वस्तुओं के 376 अरब डॉलर के व्यापार असंतुलन से चलता है।
चीन व अमेरिका के बीच व्यापारिक मोर्चे पर जारी इस खींचतान का असर वैश्विक शेयर बाजारों पर भी देखने को पड़ा जहां डाउ जोंस में 370 अंक की गिरावट आई। शांगहाए स्टाक एक्सचेंज 3.8 प्रतिशत टूटा।