चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने रविवार को कहा कि चीन अमेरिका द्वारा प्रकाशित न्यूक्लिय पोस्चर रिव्यू (एनपीआर) का दृढ़ता के साथ विरोध करता है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, प्रवक्ता रेल गुओक्विंग ने कहा है कि अमेरिकी दस्तावेजों में चीन के विकास की मंशा व चीन की परमाणु शक्ति से खतरे का अनुमान लगाया गया है।
इस 74 पृष्ठों की रिपोर्ट में चीन की भूमिका के बारे में कहा गया है कि यह 'एशिया में अमेरिका के हितों के लिए बड़ी' चुनौती है। अमेरिका की चीन के लिए तैयार की गई रणनीति का मकसद चीन की परमाणु क्षमताओं के सीमित इस्तेमाल का फायदा लेने से रोकना है।
चीन शांतिपूर्ण विकास के साथ रहेगा
रेन ने इस बात की पुष्टि की चीन शांतिपूर्ण विकास के साथ बना रहेगा और एक राष्ट्रीय रक्षा नीति का पालन करेगा, जो स्वाभाविक रूप से रक्षात्मक है। उन्होंने कहा कि चीन किसी भी समय व किसी भी परिस्थिति में परमाणु हथियार के प्रथम इस्तेमाल नहीं करने की नीति से जुड़ा है। किसी भी परिस्थितियों में चीन गैर परमाणु हथियार वाले देशों को परमाणु हथियारों की धमकी नहीं देता है।
रेन ने कहा कि अमेरिका के पास दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं, इसे दुनिया की विकास व शांति के दिशा में चलाया जाना चाहिए न कि विपरीत दिशा में।
परमाणु हथियारों को लेकर गंभीर है अमेरिका
गौरतलब है कि अमेरिका परमाणु हथियारों को लेकर काफी गंभीर है। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही उन्हे लगने लगा है कि उनके परमाणु हथियार अब उतने प्रभावी नहीं रह गए हैं। जिसकी वजह से अमेरिका अब चीन, रूस, उत्तर कोरिया और ईरान को अपने लिए संभावित खतरों के तौर पर देखता है। अमेरिका रक्षा मंत्रालय की एनपीआर रिपोर्ट के मुताबिक छोटे परमाणु हथियार बनाकर इस चुनौती से निकला जा सकता है।