वॉशिंगटन:भारत का पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश और चीन के सीमा विवाद का मुद्दा अब अमेरिकी संसद में भी उठ गया है। अमेरिका के दो सांसदों ने अरुणाचल प्रदेश के मुद्दे पर भारत का समर्थन करते हुए संसद में द्विदलीय विधेयक को पेश किया है। इस विधेयक में पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल को भारत का अभिन्न अंग बताया गया है और चीन की कड़ी निंदा की है। दरअसल, यह विधेयक ओरेगोन से सांसद जेफ मर्कले और बिल हागेर्टी ने पेश किया है। हाल के दिनों में भारत और चीन की सीमा पर जो विवाद हुआ उसका संज्ञान लेते हुए दोनों अमेरिकी सांसदों ने इस विधेयक को पेश किया है।
अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा
गौरतलब है कि छह वर्षों में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ पूर्वी क्षेत्र में भारत और चीन के बीच संघर्ष के बाद द्विदलीय सीनेट प्रस्ताव को पेश करने के लिए मर्कले ने सीनेटर बिल हैगर्टी के साथ मिलकर काम किया। अमेरिकी कांग्रेस की कांग्रेसनल एग्जीक्यूटिव कमीशन ऑन चाइना के सह-अध्यक्ष सीनेटर जेफ मर्कले ने कहा कि अमेरिका पूरी दुनिया में स्वतंत्रता और कानून आधारित पद्धति का समर्थन करता है।
उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव साफ करता है कि अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न हिस्सा मानता है, न कि पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का। इस दौरान अमेरिकी संसद में चीन की खूब आलोचना की गई।
अमेरिका इसके जरिए समान विचारधारा वाले अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ समर्थन और सहायता के बीच गहरा संबंध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। सीनेटर हैगर्टी ने कहा कि ऐसे समय में जब चीन मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र में लगातार आजादी का खतरा बना हुआ है। संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह क्षेत्र में अपने रणनीतिक साझेदारों-खासकर भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहे।
उन्होंने कहा कि यह द्विदलीय प्रस्ताव अरुणाचल प्रदेश राज्य को भारत के अभिन्न अंग के रूप में स्पष्ट रूप से मान्यता देने का समर्थन करता है। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को बदलने के लिए चीन की सैन्य आक्रामकता की निंदा करता है और अमेरिका-भारत की रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देता है। अमेरिका मुक्त और खुले भारत-प्रशांत महासागर का भी समर्थन करता है।