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Corona Vaccine: रूस का दावा- क्लिनिकल ट्रायल पूरा, 12 अगस्त को कराएगा रजिस्ट्रेशन, अक्टूबर से वैक्सीनेशन होगा शुरू

By रामदीप मिश्रा | Updated: August 8, 2020 13:31 IST

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 'जोखिम समूहों' के सदस्यों, जैसे चिकित्सीय पेशेवरों को इस महीने टीका लगाया जा सकता है। उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या वे तीसरे चरण के अध्ययन का हिस्सा होंगे जिसे टीके को 'सशर्त मंजूरी' मिलने के बाद पूरा किया जाना है।

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ठळक मुद्दे रूस ने कहा है कि वह 12 अगस्त को दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन को रजिस्टर करवाने जा रहा है। वह अक्टूबर की शुरुआत में सामूहिक टीकाकरण किया जाएगा।  

मॉस्कोः कोरोना वायरस का पूरी दुनिया में कहर बरपा हुआ है। हर कोई वैक्सीन का इंतजार कर रहा है। इस बीच रूस ने कहा है कि वह 12 अगस्त को दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन को रजिस्टर करवाने जा रहा है। इसके साथ ही वह अक्टूबर की शुरुआत में सामूहिक टीकाकरण किया जाएगा।  

रूस का दावा है कि वह कोविड-19 टीके को स्वीकृति देने वाला पहला देश बनने जा रहा है। इसे लेकर दुनिया भर के वैज्ञानिक चिंतित हैं कि कहीं अव्वल आने की यह दौड़ उलटी न साबित हो जाए। हालांकि रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को का कहना है कि वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल में 100 फीसदी सफल रही है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 'जोखिम समूहों' के सदस्यों, जैसे चिकित्सीय पेशेवरों को इस महीने टीका लगाया जा सकता है। उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या वे तीसरे चरण के अध्ययन का हिस्सा होंगे जिसे टीके को 'सशर्त मंजूरी' मिलने के बाद पूरा किया जाना है। उप प्रधानमंत्री तात्याना गोलिकोवा ने सितंबर में 'औद्योगिक उत्पादन' शुरू करने का वादा किया और सामूहिक स्तर पर टीकाकरण अक्टूबर में शुरू होगा। अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ, डॉ एंथनी फाउची ने इस त्वरित दृष्टिकोण पर पिछले हफ्ते सवाल उठाए थे। 

जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में वैश्विक जन स्वास्थ्य कानून विशेषज्ञ, लॉरेंस गोस्टिन ने कहा, 'मुझे चिंता है कि रूस बहुत जल्दबाजी कर रहा है जिससे कि टीका न सिर्फ अप्रभावी होगा बल्कि असुरक्षित भी। यह इस तरीके से काम नहीं करता है...सबसे पहले परीक्षण होने चाहिए। वह सबसे जरूरी है।' 

इस प्रयास को प्रायोजित करने वाले, रूस के प्रत्यक्ष निवेश कोष के प्रमुख, किरिल डिमित्रीव के मुताबिक, गामालेया अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित टीके को कुछ दिनों में स्वीकृति दे जाएगी और यह वैज्ञानिकों द्वारा तीसरे चरण का अध्ययन पूरा करने से पहले होगा। अंतिम चरण का अध्ययन एकमात्र तरीका है जिससे यह साबित हो सकता है कि कोई प्रायोगिक टीका सुरक्षित और असरदायक है। इस चरण में लाखों लोगों पर परीक्षण किया जाता है। 

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