इटली के गांव वरतोवा में लगी एक तख्ती पर अमूमन अखबार टांगे जाते हैं, लेकिन आज उस पर लिखे हुए शोक संदेश उस त्रासदी को बयान कर रहे हैं जिसे वहां के मेयर ने “युद्ध से भी अधिक बुरा” बताया है।
मेयर ऑर्लैंडो गुअलदी समेत अधिकतर इतालवी लोग कोरोना वायरस महामारी से हुई तबाही की तुलना द्वितीय विश्व युद्ध से कर रहे हैं। हर शाम जब रोम में इटली में मरने वालों की संख्या पढ़कर सुनाई जाती है तब सहसा विश्वास नहीं होता।
बुधवार को पूरे देश में मरने वालों की संख्या बढ़कर 6,820 हो गई। वरतोवा की कुल जनसंख्या 4,600 है। इस गांव में जहां सालाना लगभग 60 मौतें होती वहां कोरोना वायरस से कुछ ही दिन में 36 लोग काल के गाल में समा चुके हैं। गुअलदी ने एएफपी से कहा, “यह युद्ध से भी बुरी विभीषिका है।”
कब्रिस्तान को गांव वालों के लिए बंद कर दिया गया है क्योंकि जनता के एकत्रित होने पर मनाही है इसलिए कब्र पर कोई फूल रखने भी नहीं जा सकता। मेयर ने कहा, “किसी की भी मौत इस तरह नहीं होनी चाहिए।”
(तस्वीर- AFP)
वरतोवा और बरगामो शहर इटली में फैले संक्रमण के केंद्र में हैं। यहां पर संक्रमण और मौतों का आंकड़ा इस समय विश्व में सर्वाधिक और चीन के हुबेई प्रांत से आए आंकड़ों से भी अधिक है।
एक निवासी ऑगस्टा मैगनी ने बताया कि दुर्भाग्यवश गांव में अब मास्क नहीं बचे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें सिलाई मशीन और कपड़े से अपना मास्क खुद बनाना पड़ता था।
एक अन्य स्थानीय ने कहा कि गांव में लगभग सभी लोग किसी न किसी तरह विषाणु के संपर्क में आए व्यक्तियों को जानते हैं। हालांकि सभी ने हार नहीं मानी है। गांव के मकानों की बालकनी पर इतालवी झंडे बंधे हैं और खिड़कियों पर बच्चों द्वारा बनाए गए चित्र टंगे हैं जिन पर लिखा है, “सब कुछ ठीक हो जाएगा।”
लेकिन गांव के मेयर लाशें गिनने पर मजबूर हैं। उन्होंने कहा, “एक मार्च से अब तक 36 मौतें हो चुकी हैं यह जानने के बाद ही आप समझ पाएंगे कि यहां जो हो रहा है वह कितनी बड़ी विपदा है।”