चीन में महामारी बन चुके कोरोना वायरस का कहर ईरान में भी बढ़ता जा रहा है और यहां इससे मरने वालों की संख्या लगभग 50 हो गई है।
संसद के बंद कमरे में हुए सत्र के बाद अर्द्ध-सरकारी समाचार एजेंसी ‘आईएसएनए’ ने अपनी एक खबर में ईरानी नेता असदुल्लाह अब्बासी के हवाले से कहा, ‘‘ स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की कि देश में इससे 50 लोगों की जान गई है और कई लोग इससे संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है।’’
ईरान सरकार ने सोमवार को संकल्प व्यक्त किया कि देश में खतरनाक कोरोना वायरस के आंकड़ों को लेकर वह पारदर्शी रहेगा। उस पर पूर्व में आंकड़ों को छिपाने का आरोप लग रहा था। सरकारी प्रवक्ता अली राबीई ने सरकारी टेलीविजन पर सीधे प्रसारित किये गए संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम देश भर में मौत को लेकर कोई भी आंकड़ा (जो उपलब्ध होगा) होगा, उसकी घोषणा करेंगे। हम आंकड़ों को बताने में पारदर्शिता का संकल्प व्यक्त करते हैं।”
इराक में नोवेल कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया
इराक में सोमवार को कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार देश के दक्षिणी हिस्से में नजफ शहर में रह रहा एक वृद्ध ईरानी नागरिक इससे संक्रमित पाया गया है। इराक काफी पहले ही अपने नागरिकों के ईरान जाने पर रोक लगा चुका है।
इटली ने कोरोना वायरस से चौथी मौत होने की सोमवार को जानकारी दी। यह मामला उत्तरी लोमबार्दिया क्षेत्र का है जहां 84 साल के एक व्यक्ति की इस वायरस से मौत हो गई। देश में वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। क्षेत्र के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि यह लोमबार्दिया में तीसरी मौत है जहां बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए गांवों में लोगों की आवाजाही बंद कर दी गई है और सुरक्षा उपाय लागू हैं। प्रधानमंत्री जुजेपे कोंते ने कहा कि वायरस के प्रकोप को कम करने के प्रयासों के तहत निवासियों को हफ्ते तक घरों में बंद रहना पड़ सकता है।
इटली के नागरिक संरक्षण विभाग के प्रमुख एंजेलो बोर्रेली ने रविवार को कहा था कि देश में 150 से ज्यादा लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। यूरोप में संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले इटली में ही सामने आए हैं। लोमबार्दिया में 10 और पड़ोस के वेनेतो में एक, कुल 11 कस्बों में आवाजाही बंद हैं और करीब 50,000 निवासियों को बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। क्षेत्रीय अधिकारियों ने एकत्र होने वाले स्थानों जैसे बार, रेस्तरां और डिस्को को बंद रखने का आदेश दिया है।
वायरस की आशंका में पाकिस्तान ने ईरान सीमा पर 200 लोगों को पृथक किया
ईरान से लगने वाली सीमा पर पाकिस्तान ने वायरस से संक्रमित होने की आशंका में कम से कम 200 लोगों को पृथक किया है। ईरान पर कोरोना वायरस से जुड़े मामलों को छिपाने के आरोप लगने के बीच क्षेत्र में करोना वायरस के कारण मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी की आशंका व्यक्त की जा रही है।
पाकिस्तान द्वारा ईरान से लगने वाली अपनी जमीनी सीमा को सील किये जाने के कुछ घंटों बाद लोगों को पृथक रखे जाने का यह मामला सामने आया है जबकि उसके पड़ोसी अफगानिस्तान में भी इस वायरस से संक्रमण के पहले मामले की पुष्टि हो गई है। ईरानी अधिकारियों की तरफ से मामले में किसी भी तरह की लीपापोती के आरोपों से इनकार किया गया है। इससे पहले ऐसी खबरें आई थीं कि दर्जनों मौतों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई।
पाकिस्तान के दक्षिणपश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में ईरान से धार्मिक यात्रा से लौटे शिया मुस्लिम देश में दाखिल हुए और अन्य निवासियों के साथ थोड़ी देर बातचीत की। इसके बाद प्रांतीय अधिकारी हरकत में आए और उनसे कम से कम 200 को पृथक रखा। तफ्तान सीमा चौकी पर सहायक आयुक्त नजीबुल्लाह कम्बरानी ने एएफपी को बताया, “हमने कोई जोखिम नहीं उठाने और उन सभी को अगले 15 दिनों तक निगरानी में रखने का फैसला किया है।”
उन्होंने कहा कि करीब 250 लोगों को पृथक किया जा रहा है। बलूचिस्तान के स्वास्थ्य सचिव मुदस्सिर मलिक ने लोगों को पृथक किये जाने की पुष्टि की लेकिन कहा कि 200 से 250 लोगों को अलग रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि करीब 7000 लोग ईरान से इस महीने पाकिस्तान लौटे हैं। पाकिस्तान और अफगानिस्तान की ईरान से लंबी सीमा लगती है और अक्सर मानव तस्करी से जुड़े लोग व दूसरे तस्कर इसका इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा लाखों अफगान शरणार्थी भी इस्लामिक गणराज्य में रहते हैं जिससे इस बात की आशंका है कि यह वायरस सीमा पार भी फैल सकता है।