दुनिया भर में कोरोना वायरस की महामारी के प्रकोप के बीच अमेरिका की ओर से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के लिए फंडिंग रोके जाने पर संयुक्त राष्ट्र चीफ की प्रतिक्रिया सामने आई है। यूएन चीफ एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि ये समय डब्ल्यूएचओ के संसाधनों को रोकने का नहीं है।
दूसरी ओर अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर पैट्रिस हैरिस ने भी इसे 'खतरनाक' बताया है और कहा है कि यह कोविड-19 को हराने की दिशा में कदम नहीं है। डॉक्टर पैट्रिस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपने फैसले पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है।
जेनेवा में स्थित डब्ल्यूएचओ को अमेरिका की ओर से सबसे ज्यादा फंड मिलता है। अमेरिका ने साल 2019 में डब्ल्यूएचओ को 400 मिलियन डॉलर दिए थे। ये इस संस्था के बजट का 15 प्रतिशत है। हालांकि, हाल में कोविड-19 के भयावह रूप के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार डब्ल्यूएचओ पर चीन का साथ देने और सच छिपाने का आरोप लगाते रहे हैं।
ट्रंप ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन कोरोना वायरस के प्रसार को छिपाते हुए चीन की तरफदारी करने में लगा रहा। कोरोना वायरस के बारे में डब्ल्यूएचओ दुनिया को आगाह करने के बजाय शांत रहा। डब्ल्यूएचओ ने चीन में फैले कोविड-19 की गंभीरता को छिपाया और बाद में यह पूरी दुनिया में फैल गया।
ट्रंप ने पिछले हफ्ते ही ये संकेत दिए थे कि वे डब्ल्यूएचओ की फंडिंग को लेकर कोई अहम फैसला कर सकते हैं। बता दें कि कोरोना वायरस से अमेरिका सबसे ज्यादा बुरी तरह से प्रभावित है। अमेरिका में अब तक कोरोना से 26047 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं, 6,13,886 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। कोरोना महामारी को रोक सकने में नाकाम हुए डोनाल्ड ट्रंप सरकार को भी लगातार आलोचना झेलनी पड़ रही है।