Coronavirus America Breaking: अमेरिका में लगातार दूसरे दिन 24 घंटे में करीब 2000 लोगों की मौत, 4 लाख 34 हजार से ज्यादा संक्रमित
By गुणातीत ओझा | Published: April 9, 2020 08:13 AM2020-04-09T08:13:25+5:302020-04-09T08:13:25+5:30
कोरोना वायरस के कारण दुनिया में तबाही मची हुई है। कोरोना वायरस के कारण अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित है। अमेरिका में कोरोना वायरस के कारण मौत की संख्या रोज बढ़ती ही जा रही है। अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लगातार दूसरे दिन करीब 2000 मरीजों की मौतें दर्ज की गई हैं।
वाशिंगटन। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण से अब सबसे ज्यादा अमेरिका प्रभावित है। अमेरिका में लगातार दो दिनों से मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। जॉन हॉपकिन्स के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में लगातार दो दिन करीब 2000 की संख्या में वायरस से संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। अमेरिका में संक्रमित मरीजों की मौत की संख्या गुरुवार को बढ़कर 14,788 हो गई और कुल 4,34,927 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं, 22,891 लोग इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं।
कोविड-19 से मिलकर लड़ें अमेरिका-चीन : WHO
इस संकट की घड़ी के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को अमेरिका और चीन से अपील की थी कि कोरोना वायरस महामारी से मिलकर लड़ें। संगठन ने साथ ही कहा कि अंतरराष्ट्रीय एकता के बिना यहां 'और भी कई ताबूत' होंगे। जिनेवा में एक प्रेसवार्ता के दौरान संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडनाहोम गेब्रयासुस ने कहा, ''अमेरिका और चीन को एक साथ आना चाहिए और इस खतरनाक दुश्मन से लड़ना चाहिए।'' अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संगठन पर चीन पर 'बहुत अधिक केंद्रित' होने का आरोप लगाते हुए आलोचना की थी, जिसके बाद टेड्रोस का यह बयान आया है।
ट्रंप ने कहा- हमें सुरंग के अंत में रोशनी दिख रही है
अमेरिका में अधिकारियों का मानना है कि मरने वाले और संक्रमित लोगों की संख्या अगले हफ्ते बढ़ेगी लेकिन उन्होंने भरोसा जताया कि भौतिक दूरी समेत अन्य कदमों को सख्ती से लागू करने से अगले कुछ हफ्तों में हालात को काबू पाने में मदद मिलेगी। ट्रम्प ने छोटे उद्यमों पर व्हाइट हाउस की बैठक के दौरान कहा, ‘‘हमें सुरंग के अंत में रोशनी दिख रही है।’’ अमेरिका की करीब 97 फीसदी आबादी अपने घरों में सिमटी हुई है। पिछले दस दिनों में अमेरिकी सेना ने अपने केंद्रों को अस्पतालों में बदलते हुए हजारों नए बिस्तर लगाए हैं। हजारों वेंटीलेटर वितरित किए गए हैं। इसके साथ ही मास्क, निजी सुरक्षा उपकरण और आवश्यक चिकित्सा वस्तुएं भी दी गई हैं। न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू क्योमो के साथ अपनी बातचीत का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें लगता है कि शहर सबसे अधिक मामलों की संख्या के करीब है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही संख्या में गिरावट होने लगेगी। हालांकि साथ ही कहा कि यह बहुत ही मुश्किल हफ्ता होने जा रहा है। इस बीच, ट्रम्प ने कहा कि कोविड-19 जांच के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि अफ्रीकी अमेरिकी समुदाय इस विषाणु के लिहाज से अधिक संवेदनशील है। उन्होंने कोरोना वायरस पर व्हाइट हाउस कार्य बल के संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमें इस बात के सबूत मिल रहे हैं कि अफ्रीकी अमेरिकी हमारे देश के अन्य नागरिकों के मुकाबले अधिक संख्या में इससे प्रभावित हैं।’’ ट्रम्प ने कहा, ‘‘हम इस चुनौती से निपटने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। यह बड़ी चुनौती है, खतरनाक है और हम देश के अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिकों को मदद मुहैया करा रहे हैं जो इससे काफी हद तक प्रभावित हैं। सच बात यह है कि वे बहुत, बहुत मुश्किल वक्त का सामना कर रहे हैं।’’
भेदभाव के कारण अश्वेत लोग इस संक्रामक रोग से अधिक प्रभावित
वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि गरीब, चिकित्सा देखरेख में भेदभाव के कारण अश्वेत लोग इस संक्रामक रोग से अधिक प्रभावित हैं। साथ ही एक बड़ी वजह यह है कि वे ऐसी नौकरी कर रहे हैं जिसके लिए उन्हें अपने घरों से बाहर निकलना पड़ता है। देश के सर्जन जनरल जेरोम एडम्स ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि अश्वेतों को मधुमेह, दिल की बीमारी, फेफड़ों की बीमारी होने की आशंका अधिक होती है।’’ इन बीमारियों के साथ ही गरीबी और नस्लवाद के चलते वे कोविड-19 बीमारी से अधिक प्रभावित हैं। शिकागो में कोरोना वायरस से मरने वाले 60 फीसदी लोग अफ्रीकी-अमेरिकी हैं।