कोरोना वायरसः विश्व भर में मास्क की कमी, नेपाल ने चीन को दिए एक लाख सुरक्षा मास्क
By भाषा | Published: February 7, 2020 05:47 PM2020-02-07T17:47:04+5:302020-02-07T18:39:27+5:30
तेदरोस अदहानोम गेब्रेयसस ने जिनेवा में डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड को बताया, “विश्व व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण की भारी कमी का सामना कर रहा है।” नेपाल ने शुक्रवार को घातक कोरोनावायरस के प्रकोप से जूझ रहे चीन को 100,000 सुरक्षा मास्क भेंट किए। अब तक इससे 630 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख ने शुक्रवार को चेताया कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने वाले मास्क और अन्य सुरक्षा उपकरणों की दुनिया भर में कमी हो रही है।
तेदरोस अदहानोम गेब्रेयसस ने जिनेवा में डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड को बताया, “विश्व व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण की भारी कमी का सामना कर रहा है।” उन्होंने कहा कि वह सुरक्षा मास्क की आपूर्ति करने वाले नेटवर्क के सदस्यों से बात करेंगे और उत्पादन में आ रही “बाधाओं” को दूर करने की कोशिश करेंगे।
डब्ल्यूएचओ ने इस हफ्ते की शुरुआत में कहा था कि उसने मदद चाहने वाले देशों को मास्क, दस्ताने, रेस्पिरेटर, सुरक्षा वस्त्र और जांच किट भेजना शुरू किया है। तेदरोस ने कहा कि कुछ देश विषाणु के पुष्ट मामलों पर अब भी क्लिनिकल डेटा साझा नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “हम उन सदस्य देशों से तत्काल सूचना साझा करने की अपील करते हैं।” उन्होंने कहा, “कोई देश या संगठन अकेले इस प्रकोप को नहीं रोक सकता। हमारी एकमात्र उम्मीद साथ काम करना है।” तेदरोस ने कहा, “हमारा सामान्य दुश्मन है जो खतरनाक है और यह बहुत गंभीर सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक उलट-पुलट कर सकता है। यह वक्त इससे लड़ने और एकजुट होकर लड़ने का है।” तेदरोस ने कहा कि पिछले दो दिनों में वायरस के मामलों में गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि यह ‘अच्छी खबर है लेकिन हमें इसके प्रति सचेत रहना चाहिए- संख्या फिर से बढ़ सकती है।”
नेपाल ने शुक्रवार को घातक कोरोनावायरस के प्रकोप से जूझ रहे चीन को 100,000 सुरक्षा मास्क भेंट किए। अब तक इससे 630 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। चीन में मास्क की कमी होने के बाद नेपाल ने मास्क देने का निर्णय लिया। विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली और स्वास्थ्य मंत्री भानुभक्त ढकाल ने यहां एक कार्यक्रम में नेपाल के राजदूत होउ यान्की को मास्क सौंपे। नेपाल सरकार ने बृहस्पतिवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक में चीन को एक लाख सुरक्षा मास्क भेजने का निर्णय लिया।
इस अवसर पर चीनी राजदूत होउ ने नेपाल सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कोरोना वायरस से लड़ाई में योगदान के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “इस तरह के समर्थन और एकता से चीन और उसके नागरिकों को इससे लड़ने की इच्छाशक्ति मिलती है।’’ चीनी अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि कोरोना वायरस से चीन में अब तक 636 लोगों की मौत हो चुकी है और संक्रमण के 30 हजार से ज्यादा मामलों की पुष्टि हुई है।
कोरोना वायरस का खतरा : विदेश यात्रा से लौटे 74 लोग चिकित्सकीय निगरानी में रहेंगे
चीन और कोरोना वायरस के प्रकोप से प्रभावित अन्य देशों से पिछले एक माह में लौटे 74 शहरवासियों की सेहत पर स्वास्थ्य विभाग 14 दिन तक चिकित्सकीय निगरानी रखेगा। प्रभारी मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी पूर्णिमा गाडरिया ने शुक्रवार को बताया, "चीन और कोरोना वायरस संक्रमण से प्रभावित अन्य देशों से पिछले एक माह में लौटे 74 शहरवासियों में से 20 व्यक्तियों से हमारा संपर्क हो गया है। अन्य लोगों से संपर्क की कोशिश जारी है।"
उन्होंने बताया कि विदेश यात्रा से लौटे इन लोगों को सावधानी के तौर पर अगले कुछ दिनों तक उनके घर में अलग कमरे में रहने की सलाह दी गयी है। उन्हें और उनके परिवारवालों को मास्क बांटे जा रहे हैं। उन्हें अपनी नाक और मुंह को मास्क से ढंककर रखने को कहा गया है। गाडरिया ने बताया, "विदेश यात्रा से लौटे छह लोगों को सर्दी-जुकाम होने पर शहर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय में उनकी जांच की गयी है।
हालांकि, उनमें कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं पाया गया है।" उन्होंने बताया, "शहर में कोरोना वायरस संक्रमण का अब तक एक भी मामला सामने नहीं आया है। हालांकि, विदेश यात्रा से लौटे सभी 74 लोग स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों के मुताबिक सावधानी के तौर पर 14 दिन की चिकित्सकीय निगरानी में रहेंगे।" गाडरिया ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के मद्देनजर जिले के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को सतर्क कर दिया गया है।