जलवायु सम्मेलन: दुनिया के नेता ‘ग्लोबल वार्मिंग’ के खतरे से निपटने के उपायों पर करेंगे चर्चा

By भाषा | Updated: November 1, 2021 18:53 IST2021-11-01T18:53:56+5:302021-11-01T18:53:56+5:30

Climate Conference: World leaders will discuss measures to deal with the threat of 'global warming' | जलवायु सम्मेलन: दुनिया के नेता ‘ग्लोबल वार्मिंग’ के खतरे से निपटने के उपायों पर करेंगे चर्चा

जलवायु सम्मेलन: दुनिया के नेता ‘ग्लोबल वार्मिंग’ के खतरे से निपटने के उपायों पर करेंगे चर्चा

ग्लासगो, एक नवंबर (एपी) स्कॉटलैंड के ग्लासगो में विश्व के 130 से अधिक नेता सोमवार से शुरू हो रहे महत्वपूर्ण सीओपी26 अंतरराष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे और इस बारे में बात करेंगे कि ‘ग्लोबल वार्मिंग’ के खतरे से निपटने के वास्ते उनके देश में कौन-कौन से कदम उठाए जा रहे हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से लेकर सेशेल्स के राष्ट्रपति वैवेल जॉन चार्ल्स रामकलावन तक, से यह कहने की उम्मीद की जा रही है कि उनका देश इस खतरे से निपटने के लिए किस तरह अपनी पूरी कोशिश करेगा।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन सम्मेलन में दुनिया के शीर्ष नेताओं के सामने बढ़ते हुए वैश्विक तापमान की चुनौती से निपटने की रूपरेखा प्रस्तुत करेंगे। जॉनसन अपने संबोधन में दुनिया के नेताओं से जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की अपील करेंगे।

बाइडन, जॉनसन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह सहित सबसे प्रमुख नेता सोमवार को मंच संभालेंगे।

संयुक्त राष्ट्र की पूर्व जलवायु सचिव क्रिस्टियाना फिगुएरेस ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि 2015 के ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौते को सफल बनाने पर किये गये कार्यों पर चर्चा होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘पेरिस में दो लक्ष्यों के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये थे, एक तो वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस (2.7 डिग्री फारेनहाइट) तक सीमित रखना और दूसरा 2050 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य स्तर तक लाना।

सबसे अधिक कार्बन प्रदूषण करने वाले देश चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ग्लासगो के सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे।

बाइडेन ने उत्सर्जन पर अंकुश लगाने के महत्वाकांक्षी प्रयासों में अधिक योगदान नहीं करने के लिए चीन और रूस को फटकार लगाई है। उन्होंने पिछले सप्ताह के अंत में इटली के रोम में जी20 शिखर सम्मेलन में समूह के जलवायु परिवर्तन पर निराशाजनक बयान के लिए उन्हें दोषी ठहराया।

चीन के अलावा कई प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं के प्रमुख भी शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हो रहे हैं, जिनमें रूस, तुर्की, मैक्सिको, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।

भारत, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्सर्जक, ‘‘शून्य’’ उत्सर्जन तक पहुंचने के लिए लक्ष्य निर्धारित करने में अभी तक चीन, अमेरिका और यूरोपीय संघ का अनुसरण नहीं कर पाया है। वार्ताकार उम्मीद कर रहे हैं कि मोदी ग्लासगो में इस तरह के लक्ष्य की घोषणा करेंगे।

वैज्ञानिकों का कहना है कि इस सदी में वैश्विक तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक बढ़ने से रोकने के लक्ष्य को पूरा करने की संभावना धीरे-धीरे कम होती जा रही है।

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Web Title: Climate Conference: World leaders will discuss measures to deal with the threat of 'global warming'

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