न्यूयॉर्क: यूक्रेन के बूचा में रूसी सेना द्वारा कथित नरसंहार को लेकर मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में चर्चा हुई। इस दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने आक्रमणकारी देश रूस पर गंभीर आरोप लगाए। जेलेंस्की ने कहा, नागरिकों को टैंकों से कुचल दिया गया, महिलाओं का उनके बच्चों के सामने बलात्कार किया और उन्हें मार डाला गया। बूचा में रूसी सेना ने जो किया वह क्रूरता है। संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सचमुच उल्लंघन किया गया है।
जेलेंस्की ने कहा, संयुक्त राष्ट्र को तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता है, इसकी प्रणाली में तत्काल सुधार किया जाना चाहिए। इसके अलावा जेलेंस्की ने यह भी मांग की कि सुरक्षा परिषद में सभी क्षेत्रों का उचित प्रतिनिधित्व होना चाहिए। रूसी सेना को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाना चाहिए।
वहीं संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि वे बूचा में मारे गए नागरिकों की भयावह तस्वीरों कभी नहीं भुला सकेंगे। उन्होंने मामले की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए स्वतंत्र जांच की माग की है।
यूएन के महासचिव ने रूस के प्रतिनधि को संबोधित करते हुए कहा, हमने 3 और 4 अप्रैल को आपात बैठक का अनुरोध किया लेकिन आपने उन्हें मना कर दिया... यह एक अपमानजनक स्थिति है। मैं पूछना चाहता हूं कि किस आधार पर आपको लगता है कि आप इस तरह के अपमानजनक तरीके से कार्य कर सकते हैं? हम स्पष्टीकरण की मांग करते हैं।
इससे पहले सोमवार को यूरोपीय संघ ने बूचा में हुए कथित नरसंहार की कड़े शब्दों आलोचना की थी। दरअसल, यूक्रेन के दावों के अनुसार रूस सैनिकों के पीछे हटने के बाद यूक्रेन के कस्बों और शहरों में मिले नागरिकों शव बर्बरता की कहानी को बयां कर रहे हैं।
बूचा शहर में सड़कों पर शव पड़े पाए गए हैं। जिसमें कुछ के हाथ भी बंधे थे, तो कुछ को नजदीक से गोली मारी गई थी। यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि कीव क्षेत्र के कस्बों में 410 नागरिकों के शव मिले हैं।