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'साउथ चाइना सी' में अमेरिकी युद्धपोत दिखने से भड़का चीन, ड्रैगन ने उकसावे की कार्रवाई न करने की दी चेतावनी

By विकास कुमार | Updated: May 20, 2019 18:16 IST

अमेरिका और चीन इस वक्त ट्रेड वॉर की चरम सीमा पर हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में चीन से आयात होने वाले 200 बिलियन डॉलर की वस्तुओं पर टैरिफ 10 से बढ़ा कर 25 प्रतिशत कर दिया है. ऐसे में इस विवाद के सामने आने से चीन और अमेरिका के बीच तनाव और बढ़ सकते हैं.

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ठळक मुद्देअमेरिका और चीन इस वक्त ट्रेड वॉर की चरम सीमा पर हैं.चीन के अलावा इस क्षेत्र पर वियतनाम, ब्रूनेई, यूएई और मलेशिया भी अपना हक़ जताते हैं.

चीन ने अमेरिका को उकसावे की कार्रवाई न करने को लेकर चेतावनी दी है. समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, चीन के दावे वाले विवादित क्षेत्र साउथ चाइना सी में अमेरिकी युद्धपोत दिखने से चीन नाराज हो गया और उसने अमेरिका को इसके खतरे को लेकर आगाह करवाया है. 

चीन का आक्रामक रवैया 

अमेरिकी युद्धपोत विवादित साउथ चाइना सी से मात्र 12 नॉटिकल माइल की दूरी पर था. यह पहली बार नहीं है जब अमेरिक युद्धपोत साउथ चाइना सी में दाखिल हुआ है, बीते महीने भी एक अमेरिक जहाज इस क्षेत्र से हो कर गुजरा था. तब अमेरिका ने इसे अपना मौलिक अधिकार बताया था. चीन साउथ चाइना सी पर लम्बे समय से अपना दावा करता रहा है. 

अमेरिका ने 15 मई को भी इस क्षेत्र में अपने जहाज भेजे थे. अमेरिका का कहना है कि चीन इस क्षेत्र पर कब्ज़ा करना चाहता है और उसका रवैया इस पूरे क्षेत्र की स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बन सकता है. 

अमेरिका और चीन इस वक्त ट्रेड वॉर की चरम सीमा पर हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में चीन से आयात होने वाले 200 बिलियन डॉलर की वस्तुओं पर टैरिफ 10 से बढ़ा कर 25 प्रतिशत कर दिया है. चीन ने भी जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है. 

'साउथ चाइना सी का विवाद' 

साउथ चाइना सी का विवाद बहुत लम्बे समय से अंतर्राष्ट्रीय राजनीति और जियो-पॉलिटिकल परिस्थिति को प्रभावित कर रहा है. चीन के अलावा इस क्षेत्र पर वियतनाम, ब्रूनेई, यूएई और मलेशिया भी अपना हक़ जताते हैं. हाल के दिनों में चीन ने साउथ चाइना सी को लेकर अपनी आक्रामक रणनीति का प्रदर्शन किया है. चीन ने इस क्षेत्र में एक कृत्रिम टापू का निर्माण किया है. 

भारत और वियतनाम की साझेदारी 

भारत ने भी वियतनाम के जरिये इस क्षेत्र में अपनी मौजूदगी को बढ़ाने का काम किया है. भारतीय तेल और गैस कंपनी ओएनजीसी इस क्षेत्र में तेल और गैस की खोज में लगा हुआ है और इसके लिए भारत सरकार ने वियतनाम से करार भी किया है. साउथ चाइना सी में भारत चीन को ओपन हैंड नहीं देना चाहता है क्योंकि यह क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से लैस माना जाता है. 

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