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चीन का गैस पाइपलाइन, कॉल सेंटर सहित कई क्षेत्रों को विदेशी निवेश के लिये खोलने का वादा

By भाषा | Updated: July 1, 2019 05:45 IST

विदेशी निवेश के मामले में चीन की एक नकारात्मक सूची है। इसमें स्पष्ट रूप से यह कहा गया है कि किन क्षेत्रों में विदेशी निवेश पर पूरी तरह रोक है और किन क्षेत्रों को नियमन के दायरे में रखा गया है।

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चीन ने अब तक प्रतिबंधित कुछ नये क्षेत्रों को विदेशी निवेश के लिये खोलने का फैसला किया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच शनिवार को हुई बैठक के एक दिन बाद चीन की सरकार ने यह घोषणा की है। चीन ने कहा है कि वह 30 जुलाई से कुछ नये क्षेत्रों में विदेशी निवेश पर प्रतिबंधों में ढील देगा अथवा उन्हें हटा लेगा। इनमें गैस पाइपलाइन, कॉल सेंटर और कुछ अन्य कारोबारों में विदेशी निवेश की अनुमति दिये जाने का निर्णय लिया गया है।विदेशी निवेश के मामले में चीन की एक नकारात्मक सूची है। इसमें स्पष्ट रूप से यह कहा गया है कि किन क्षेत्रों में विदेशी निवेश पर पूरी तरह रोक है और किन क्षेत्रों को नियमन के दायरे में रखा गया है। वाणिज्य मंत्रालय और आर्थिक मामलों की योजना समिति एनडीआरसी के मुताबिक विदेशी निवेशकों की चीन में विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिबंध होने की वजह से अनुचित व्यवहार किये जाने की लंबे समय से शिकायत रही है। इनमें समुद्री परिवहन, गैस पाइपलाइन, सिनेमा, मनोरंजन और दूरसंचार सेवाओं को लेकर शिकायत रही है।वाणिज्य मंत्रालय और एनडीआरसी ने कहा है कि 30 जुलाई से विदेशी निवेश के लिये नकारात्मक सूची में शामिल क्षेत्रों की संख्या मौजूदा 48 से घटकर 40 रह जायेगी। ओसाका, जापान में जी-20 शिखर सम्मेलन के मौके पर शनिवार को डोनाल्ड ट्रंप और शी चिनफिंग के बीच अलग से हुई बैठक के एक दिन बाद चीन ने यह घोषणा की है। इस बैठक में दोनों नेताओं ने व्यापार मुद्दों पर बातचीत फिर शुरू करने पर सहमति जताई।अमेरिका और चीन पिछले कुछ समय से व्यापार युद्ध में उलझे हुये हैं। दोनों तरफ से एक दूसरे के 360 अरब डॉलर के व्यापार पर शुल्क लगाया गया है। डोनाल्ड ट्रंप यह मांग करते रहे हैं कि बीजिंग को संरचनात्मक सुधारों को लागू करना चाहिये जिसमें विदेशी कंपनियों को समान अवसर उपलब्ध कराने की गारंटी होनी चाहिये।चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग ने इस महीने शुरू में भी वादा किया था कि वह गैर-चीनी उद्योगों के लिये देश के बाजार को खोलेंगे। उन्होंने कहा बेहतर अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक माहौल बनाने के लिये कुछ और क्षेत्रों में प्रवेश को सरल बनाया जायेगा। चीन ने मार्च में एक कानून को अपनाया है जिसका उद्देश्य ज्यादातर क्षेत्रों में विदेशी निवेशकों को भी वही अधिकार देना है जो कि चीन की कंपनियों को उपलब्ध हैं। इसमें ‘‘नकारात्मक सूची’’ को अलग रखा गया है।

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