चीन लोकतांत्रिक देशों के लिए गंभीर चुनौती है, LAC पर भारत के साथ टकराव इसका एक उदाहरण है: ताइवान की राष्ट्रपति

By अनुराग आनंद | Published: October 10, 2020 11:26 AM2020-10-10T11:26:50+5:302020-10-10T11:26:50+5:30

ताइवान की राष्ट्रपति त्‍साई इंग वेन ने कहा कि दक्षिण चीन सागर में विवाद, चीन-भारत सीमा पर झड़प, हॉन्‍ग कॉन्‍ग में चीन का दमन बताता है कि इस क्षेत्र में लोकतंत्र व शांति खतरे में है।

China is a serious challenge for democratic countries, the LAC's confrontation with India is an example of this: President of Taiwan | चीन लोकतांत्रिक देशों के लिए गंभीर चुनौती है, LAC पर भारत के साथ टकराव इसका एक उदाहरण है: ताइवान की राष्ट्रपति

ताइवान की राष्ट्रपति त्‍साई इंग वेन (फाइल फोटो)

Highlightsभारत में चीन के एंबेसी ने पत्र लिखकर भारतीय मीडिया से कहा था कि प्रिय मीडिया के दोस्त आपको याद दिलाना चाहेंगे कि दुनिया में सिर्फ एक चीन है।पत्र में कहा गया था कि सिर्फ पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चीन की सरकार ही पूरी दुनिया में चीन का प्रतिनिधित्व करती है।

नई दिल्ली: ताइवान में आज (शनिवार) नेशनल डे मनाया जा रहा है। इस मौके पर देश को संबंधित करते हुए वहां की राष्ट्रपति त्‍साई इंग वेन ने कहा कि अगर चीन ताइवान से दुश्‍मनी को भुलाकर समानता तथा गरिमा के आधार पर संबंधों को सुधारने के लिए इच्‍छुक है तो हम सार्थक बातचीत के लिए तैयार हैं।

डेक्कन हेराल्ड की मानें तो राष्ट्रपति त्‍साई इंग वेन ने यह भी कहा कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हम लगातार देश में अत्‍याधुनिक हथियार और सबमरीन बना रहे हैं। हम अत्‍यंत प्रशिक्षित जवानों को तैयार करने पर काम कर रहे हैं। राष्‍ट्रपति ने कहा कि चीनी सेना पीएलए की गतिविधियां अनुचित हैं।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चीन लोकतांत्रिक देशों के लिए गंभीर चुनौती बन गया है। उन्होंने कहा कि दक्षिण चीन सागर में विवाद, चीन-भारत सीमा पर झड़प, हॉन्‍ग कॉन्‍ग में चीन का दमन यह स्‍पष्‍ट रूप से द‍िखाता है कि हिंद-प्रशांत इलाके में लोकतंत्र व शांति चीन की वजह से खतरे में है।

उन्होंने कहा कि समुद्र में चीन के बढ़ते दबादबा को रोकने के लिए कई देश अब साथ आ रहे हैं। इससे आने वाले समय में चीन को समुद्र में क्षेत्र विस्तार करने पर रोक लगा पाना संभव होगा। 

चीन की सरकारी मीडिया व एंबेसी ने भारतीय मीडिया को नसीहत देते हुए ये कहा था- 

चीन की सरकारी मीडिया व एंबेसी ने भारतीय मीडिया को नसीहत देते हुए कहा था कि ताइवान के नेशनल डे पर उसे एक अलग देश की तरह से प्रचारित नहीं किया जाए। 

चीन के सरकारी अखबार ने भी कहा था कि ताइवान का नेशनल डे 10 अक्टूबर को है। इस दिन को भारत किसी भी तरह से ताइवान के साथ एक स्वतंत्र देश का व्यवहार न करे।

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ताइवान ने चीन सरकार को दिया मुंहतोड़ जवाब-

बता दें कि चीन के इस चेतावनी पर ताइवान ने चीन के सरकारी मीडिया व वहां की सरकार को मुंहतोड़ जवाब दिया है। ताइवान सरकार की ओर से विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। इसके साथ ही अपने ट्वीट में ताइवान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत के लोग प्रेस व स्वंय की आजादी को पसंद करते हैं।

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हालांकि, ऐसा लगता है कि कम्युनिस्ट चीन सभी पड़ोसी देशों पर सेंसरशिप थोपना चाहता है। लेकिन, इस चेतावनी पर ताइवान के भारतीय दोस्तों का चीन के लिए एक ही जवाब होगा- भाड़ में जाओ। बता दें कि बीते कुछ माह से दुनिया भर में कोरोना महामारी फैलने के बाद चीन अपने पड़ोसी देश भारत,ताइवान व हांगकांग जैसे मामले में बेहद उग्र होकर फैसला ले रहा है।  

चीन के एंबेसी द्वारा भारतीय मीडिया को लिखे गए पत्र के जवाब में भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि हमारे देश में मीडिया स्वतंत्र है। ऐसे में ताइवान को लेकर मीडिया की खबर को प्रभावित नहीं किया जा सकता है।

Web Title: China is a serious challenge for democratic countries, the LAC's confrontation with India is an example of this: President of Taiwan

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