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चीन भारत सीमा तनाव: शांतिपूर्ण समाधान के लिये ईयू संवाद के माध्यम से प्रयासों का समर्थक

By भाषा | Updated: July 16, 2020 06:10 IST

यूरोपीय संघ के लिये भारत और चीन में से कौन ज्यादा रणनीतिक है, इस सवाल पर यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष ऊर्सुला ने कहा कि चीन और भारत दोनों संघ के लिये महत्वपूर्ण हैं लेकिन दोनों काफी अलग हैं। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जंग जैसे मामलों में अगर आप सफल होना चाहते हैं तो चीन और भारत दोनों ही बेहद महत्वपूर्ण हैं। 

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ठळक मुद्देPM नरेंद्र मोदी ने भारत-यूरोपीय संघ (ईयू) शिखर सम्मेलन के दौरान चीन–भारत सीमा पर हुए घटनाक्रम की जानकारी दीयूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने यह टिप्पणी 15वें ईयू-भारत शिखर सम्मेलन के बाद की।

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-यूरोपीय संघ (ईयू) शिखर सम्मेलन के दौरान चीन–भारत सीमा पर हुए घटनाक्रम की जानकारी दी, वहीं यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष ने बुधवार को कहा कि 27 सदस्यीय यह संघ शांतिपूर्ण समाधान के लिये बातचीत के माध्यम को बरकरार रखने के सभी प्रयासों का समर्थन करता है।

यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने यह टिप्पणी 15वें ईयू-भारत शिखर सम्मेलन के बाद की। डिजिटल शिखर सम्मेलन में भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया वहीं यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व माइकल और यूरोपीय आयोग की अध्यक्षा ऊर्सुला वोन डेर लेयेन ने किया। एक संवाददाता सम्मेलन में यह पूछे जाने पर कि क्या चीनी आक्रामकता और चीन-भारत सीमा पर हाल में हुए घटनाक्रम पर चर्चा हुई, माइकल ने हां में जवाब दिया।

माइकल ने कहा, “संभवत: आप जानते हों कि कुछ हफ्तों पहले हमने चीनी प्राधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस से शिखर सम्मेलन किया था। ईयू और चीन के बीच संबंध जटिल हैं। हमें विभिन्न मुद्दों और विषयों को संभालने की जरूरत है। और वास्तव में हम शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में हैं।”

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर हमें चीन के साथ हुई घटना के संदर्भ में ताजा गतिविधियों से अवगत कराया और हम शांतिपूर्ण समाधान के लिये बातचीत के माध्यम को बरकरार रखने के सभी प्रयासों का समर्थन करते हैं।”

यूरोपीय संघ के लिये भारत और चीन में से कौन ज्यादा रणनीतिक है, इस सवाल पर यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष ऊर्सुला ने कहा कि चीन और भारत दोनों संघ के लिये महत्वपूर्ण हैं लेकिन दोनों काफी अलग हैं। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जंग जैसे मामलों में अगर आप सफल होना चाहते हैं तो चीन और भारत दोनों ही बेहद महत्वपूर्ण हैं। 

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