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चीन, कनाडा के बीच मानवाधिकार के मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र निकाय में बहस

By भाषा | Updated: June 22, 2021 21:37 IST

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जिनेवा, 22 जून (एपी) कनाडा और 40 अन्य देशों ने मंगलवार को चीन से अपील की कि पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में ‘‘तुरंत, सार्थक और निर्बाध पहुंच’’ की अनुमति दे ताकि स्वतंत्र पर्यवेक्षक वहां का दौरा कर सकें। वहीं चीन के एक राजदूत ने मांग की कि कनाडा के अधिकारी अपने यहां ‘‘मानवाधिकार उल्लंघन बंद करें।’’

संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवाधिकार संगठन मानवाधिकार परिषद् में एक बहस के दौरान आरोप-प्रत्यारोप का यह दौर चला।

परिषद् के डिजिटल सत्र में पश्चिमी देशों और चीन के सहयोगियों के बीच यह दरार देखने को मिली। चीन अपने मानवाधिकार रिकॉर्ड की आलोचना को हमेशा दबाने का प्रयास करता है।

चीन के राजदूत जियांग डुआन ने कनाडा में विगत में मूल निवासियों के प्रति अत्याचार और कनाडा के एक आवासीय स्कूल में हाल में 200 से अधिक बच्चों के शव का पता चलने का हवाला दिया।

उन्होंने कनाडा में मूल निवासियों के खिलाफ अपराध के मामलों की ‘‘गहन एवं निष्पक्ष जांच’’ की अपील की और वहां रंगभेद एवं विदेशी लोगों को नापसंद करने का मुद्दा उठाया।

उन्होंने कहा, ‘‘हम कनाडा से अपील करते हैं कि तुरंत मानवाधिकारों का उल्लंघन बंद करें।’’ उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र निकायों को ‘‘कनाडा में मानवाधिकार के मुद्दों पर नजर रखनी चाहिए।’’

कनाडा ने 41 पश्चिमी देशों का बयान पेश किया जिसमें शिनजियांग में हिरासत केंद्रों के बारे में मानवाधिकार समूहों की चिंताओं का जिक्र किया गया था। इन हिरासत केंद्रों में सैकड़ों मुस्लिम उईगर एवं अन्य अल्पसंख्यकों को रखा गया है।

कनाडा के राजदूत लेस्ली नॉर्टन ने कहा, ‘‘हम चीन से अपील करते हैं कि शिनजियांग में स्वतंत्र पर्यवेक्षकों को तुरंत, सार्थक और निर्बाध पहुंच दी जाए जिसमें उच्चायुक्त भी शामिल हों।’’ उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बेशलेट का भी जिक्र किया।

बेशलेट का कार्यालय 2018 में उनका कार्यकाल शुरू होने के बाद से ही उनकी शिनजियांग यात्रा का प्रबंध करना चाहता है और सोमवार को उन्होंने कहा कि इस वर्ष के अंत तक यात्रा की उम्मीद है।

चीन कहता रहा है कि इन केंद्रों का इस्तेमाल प्रशिक्षण में होता है ताकि शिनजियांग में आतंकवाद से लड़ा जा सके।

चीन का बयान रूस, बेलारूस, उत्तर कोरिया, ईरान और सीरिया सहित कई देशों की तरफ से था।

नॉर्टन ने स्वीकार किया, ‘‘हम मानते हैं कि कनाडा ने पहले मूल निवासियों को अधिकारों से वंचित किया। हम जानते हैं कि दुनिया कनाडा से उम्मीद करती है कि वह अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों का पालन करे।’’

कनाडा में सोमवार को राष्ट्रीय मूल निवासी दिवस मनाया गया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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