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12 साल के बच्चे को हुई अजीब बीमारी, चमकदार पीली जीभ देखकर डॅाक्टर भी रह गए हैरान

By वैशाली कुमारी | Updated: July 25, 2021 13:20 IST

द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार गहरे व चमकदार पीले रंग की जीभ वाले एक लड़के में कोल्ड एग्लूटीनिन नाम के एक बहुत दुर्लभ रोग का पता चला है। इसमें रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली अपनी ही लाल रक्त कोशिकाओं पर हमला करती है और उन्हें नष्ट कर देती है।

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ठळक मुद्देटोरंटो हास्पिटल में बच्चे के कोल्ड एग्लूटीनिन रोग का इलाज किया गयाअमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, कोल्ड एग्लूटीनिन रोग से एनीमिया होता है

कना़डा में 12 साल के एक बच्चे में दुर्लभ बीमारी का मामला सामने आया है। इस बच्चे की जीभ पूरी तरह से चमकीले पीले रंग की हो गई थी। ये बात भी सामने आई है कि बच्चे को दुर्लभ ऑटोइम्यून डिसॉर्डर (विकार) था। ऐसे मामलों में शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र अपने ही लाल रक्त कोशिकाओं पर हमला बोलता है और उसे नष्ट कर देता है। हालांकि अब बच्चा इस बीमारी से ठीक हो गया है।

इस संबंध में एक रिपोर्ट 'द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन' में प्रकाशित हुई है। इस रिपोर्ट के अनुसार कई दिनों तक गले में खराश, गहरे रंग का पेशाब, पेट में दर्द और पीली त्वचा के कारण बच्चे को अस्पताल लाया गया। शुरुआत में, टोरंटो के 'हास्पिटल फॉर सिक चिलड्रेन' के डाक्टरों ने बच्चे को पीलिया होने का अनुमान लगाया था। ऐसी परिस्थिति में आमतौर पर त्वचा और आंखों के सफेद भाग में पीलापन आ जाता है। 

हालाँकि, डॉक्टरों ने जब उसकी चमकीले पीले रंग की जीभ देखी तो हैरान रह गए। कुछ टेस्ट के बाद डॉक्टरों ने पता लगा कि लड़के को एनीमिया है और वह एपस्टीनबार वायरस से भी संक्रमित है। यह एक सामान्य वायरस है जो आमतौर पर बचपन में लोगों को संक्रमित करता है, और कई ऑटोइम्यून समस्याओं से भी संबंध रखता है। 

बच्चे में कोल्ड एग्लूटीनिन बीमारी की पहचान की भी गई। यह एक दुर्लभ ऑटोइम्यून विकार है, जिसमें एक व्यक्ति का इम्यून सिस्टम शरीर पर हमला करके अपनी लाल रक्त कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। ऐसी स्थिति जबकि अत्याधिक ठंडे तापमान से उत्पन्न होती है लेकिन डॉक्टरों को संदेह है कि एपस्टीनबार वायरस से संक्रमित होने के कारण उसे ये बीमारी हुई।

अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, कोल्ड एग्लूटीनिन रोग से एनीमिया होता है और इसके परिणामस्वरूप शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं तेजी से कम हो सकती हैं। इससे बिलीरुबिन का निर्माण होता है, जो पीलिया का कारण बनता है। 

रिपोर्ट के अनुसार लड़के के उपचार में प्रतिरक्षा प्रणाली की गतिविधि को कम करने के लिए ब्लड ट्रांसफ्यूजन के साथ-साथ सात हफ्ते के लिए स्टेरॉयड भी दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद बच्चा पूरी तरह से ठीक हो गया है, और जीभ का रंग धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है।

टॅग्स :अमेरिकाडॉक्टर
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