ब्रिटेन बना 'मर्क' की मोल्नुपिरविर टैबलेट को मंजूरी देने वाला पहला देश, कोरोना का होगा इससे इलाज
By विनीत कुमार | Updated: November 4, 2021 17:24 IST2021-11-04T17:23:30+5:302021-11-04T17:24:59+5:30
ब्रिटेन ने कोरोना के इलाज के लिए दुनिया की पहली एंटीवायरल गोली के उपयोग को मंजूरी दी है। ब्रिटेन पहला देश है जिसने इस गोली से उपचार को मंजूरी दी है।

कोविड के इलाज के लिए एंटीवायरल गोली को मंजूरी
लंदन: ब्रिटेन कोरोना के इलाज में प्रभावी पाये गए एंटीवायरल गोली मोल्नुपिरविर (Molnupiravir) को मंजूरी देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। ब्रिटेन ने गुरुवार को कोरोना वायरस की इस दवा के इस्तेमाल को मंजूरी दी। इसे मर्क (Merck) और रिजबैक बायोथेराप्यूटिक्स (Ridgeback Biotherapeutics) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया है।
ब्रिटेन के मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) ने दवा के इस्तेमाल की सिफारिश की है। एमएचआरए के अनुसार Molnupiravir को COVID-19 टेस्ट के पॉजिटिव आने के बाद और लक्षणों की शुरुआत के पांच दिनों के भीतर जल्द से जल्द इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
दुनिया में COVID-19 के लिए स्वीकृत होने वाली यह पहली एंटीवायरल दवा है जिसे खाया जा सकता है। माना जा रहा है कि जल्द ही अमेरिका की ओर से भी इसे मंजूरी दी जा सकती है। अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने पिछले महीने कहा था कि वह इस गोली की सुरक्षा और असर के बारे में पता करने के लिए नवंबर के आखिर में एक पैनल की बैठक बुलाएगा।
कोविड टैबलेट: रोगियों की मौत या अस्पताल में भर्ती होने की आशंका हो जाती है आधी
ब्रिटेन में ये दवा लागेवरियो (Lagevrio) के नाम से दी जाएगी। पिछले महीने सामने आए आंकड़ों के बाद से ही इस दवा पर दुनिया की नजर है। दवा के परीक्षण के बाद सामने आए आंकड़े बताते हैं कि यह कोविड-19 से ग्रसित लोगों के मरने या अस्पताल में भर्ती होने की आशंका को आधा कर सकता है।
आने वाले दिनों में ब्रिटिश सरकार और देश की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (नेशनल हेल्थ सर्विस) इस बात के निर्देश जारी करेगी कि रोगियों को उचित समय पर इस दवा से इलाज कैसे दिया जाएगा।
पिछले ही महीने ब्रिटेन ने मोल्नुपिरविर के 480,000 कोर्स को उसके लिए सुरक्षित रखने के लिए मर्क के साथ एक समझौते पर सहमति व्यक्त की थी।
दूसरी ओर मर्क ने एक बयान में कहा कि वह इस साल के अंत तक उपचार के लिए दवा के 10 मिलियन कोर्स का उत्पादन करने की उम्मीद कर रहा है। वहीं 2022 में कम से कम 20 मिलियन कोर्स का निर्माण किया जा सकता है।