लंदन, 29 सितंबर (एपी) ब्रिटेन की सरकार शोधकर्ताओं को जीन संशोधित तकनीक के इस्तेमाल की अनुमति देने पर विचार कर रही है ताकि वे ऐसी फसल विकसत कर सकें जिससे पैदावार बढ़ सके, कीटनाशकों की आवश्यकता कम हो और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आए। यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के बाद ब्रिटेन संघ के नियमों का पालन करने के लिए बाध्य नहीं है।
सरकार ने कहा कि जीन संशोधन से वैज्ञानिक तुरंत ऐसी फसलें विकसित कर सकेंगे जो ज्यादा पोषक हों या कीटनाशकों एवं बीमारियों के प्रतिरोधी हों। सरकार ने इस क्षेत्र में वैज्ञानिकों के लिए शोध आसान करने की खातिर यह घोषणा की है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, जीन संशोधन में जीन को एकल प्रजाति के अंदर मिश्रित किया जाता है, जबकि जीन संवर्द्धन में डीएनए को एक प्रजाति से दूसरे प्रजाति में स्थानांतरित किया जाता है।
बहरहाल, यूरोपीय संघ के नियमों के तहत इनका विनियमन इसी तरह से है।
पर्यावरण सचिव जॉर्ज यूस्टिस ने बयान जारी कर कहा, ‘‘जीन संशोधन में जीन से जुड़े संसाधनों का लाभ लेने की क्षमता है, जिसे प्रकृति ने मुहैया कराया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसा उपकरण है जिससे हमारे समक्ष की सबसे बड़ी चुनौतियों से निपटा जा सकता है जिसमें खाद्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता का नुकसान शामिल है।’’
शिक्षाविदों ने इस निर्णय की सराहना की है।
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