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''Beautiful sight' हांगकांग से निकल कर अमेरिका के राज्यों में फैला', चीनी मीडिया ने अमेरिका में चल रहे हिंसक प्रदर्शन पर कसा तंज

By स्वाति सिंह | Updated: June 2, 2020 09:00 IST

हांगकांग में हुए प्रदर्शन को अमेरिकी हाउस की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने एक 'ब्यूटीफुल साइट' के रूप में बताया था। जिसके बाद पलटवार करते हुए ग्लोबल टाइम्स के संपादक हु जिजिन ने कटाक्ष करते कहा है कि ये 'ब्यूटीफुल साइट' हांगकांग से निकल कर अमेरिका के दर्जनों राज्यों में फैल गया है।

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ठळक मुद्देचीनी मीडिया ने अमेरिका में हुए दंगे पर खुशी जाहिर करते हुए 'ब्यूटीफुल साइट' के रूप में बताया है। अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मिनिपोलिस पुलिस अधिकारी के हाथों मौत होने के बाद कई शहरों में प्रदर्शन जारी है

वाशिंगटन: अमेरिका में मारे गए अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड के बाद चीन की मीडिया ग्लोबल टाइम्स और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेली ने शनिवार (31 मई) को वहां हुए दंगे पर खुशी जाहिर करते हुए 'ब्यूटीफुल साइट' के रूप में बताया है। ऐसा माना जा रहा है कि चीन के बदला लेते हुए यह प्रक्रिया दी है।

washingtontimes के मुताबिक, एक बार अमेरिकी हाउस की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने हांगकांग के प्रदर्शनों पर टिप्पणी करते हुए विरोध को एक 'ब्यूटीफुल साइट' के रूप में बताया था। जिसे लेकर ग्लोबल टाइम्स के संपादक हु जिजिन ने कटाक्ष करते कहा, 'ये 'ब्यूटीफुल साइट' हांगकांग से निकल कर अमेरिका के दर्जनों राज्यों में फैल गया है। अमेरिकी नेता अब अपनी खिड़कियों से यह नजारा देख सकते हैं।'

इसके साथ ही उन्होंने लिखा, 'अगर चीन अमेरिका में विरोध प्रदर्शनों का समर्थन नहीं करता है, तो बाद में वो अपने हांगकांग कार्ड को कैसे खेल सकता है? आखिरकार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को हांगकांग मामलों पर चीन के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।' ग्लोबल टाइम्स ने शुक्रवार को रिपोर्ट किया कि यूनाइटेड स्टेट में हो रहे दंगों को चीन में सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी ‘ब्यूटीफुल साइट’ के रूप में बताया है। 

क्या है जॉर्ज फ्लॉयड हत्या का पूरा मामला

दरअसल, अमेरिका में ये हिंसा अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद भड़की है। अमेरिका के मिनीपोलिस में इस सप्ताह प्रदर्शन भड़क उठे, जब एक वीडियो में एक श्वेत पुलिस अधिकारी को आठ मिनट से अधिक समय तक घुटने से फ्लॉयड का गला दबाते हुए देखा गया और इस दौरान फ्लॉयड सांस लेने देने की फरियाद करता रहा। बाद में फ्लॉयड की मौत हो गई थी। अश्वेत फ्लॉयड को एक दुकान में नकली बिल का इस्तेमाल करने के संदेह में गिरफ्तार किया गया था। फ्लॉयड की मौत के बाद मिनीपोलिस में शुरू हुए प्रदर्शन ने शहर के कई हिस्सों में जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। इस प्रदर्शन के दौरान कई इमारतों को जला दिया गया और दुकानों में लूटपाट की गई। प्रदर्शन के दौरान कारों और प्रतिष्ठानों में आग लगा दी गई, हर तरफ इमारतों की दीवारों पर स्प्रे करके ‘मैं सांस नहीं ले सकता’ लिख दिया गया। साथ ही व्हाइट हाउस के दरवाजों के पास एक कूड़ेदान में आग लगा दी गई। डोनाल्ड ट्रंप को दंगा और हिंसा की वजह से व्हाइट हाउस के बंकर में लेनी पड़ी शरण

सीएनएन के मुताबिक, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को व्हाइट हाउस के बाहर प्रदर्शन के दौरान कुछ समय के लिए भूमिगत बंकर में ले जाया गया । प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप और उनके बेटे बैरन को भी बंकर में ले जाया गया। राष्ट्रपति ट्रंप रविवार (31 मई) को सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए लेकिन एक के बाद एक कई ट्वीट कर उन्होंने देश में नफरत एवं अराजकता को बढ़ावा देने के लिए मीडियो को दोष दिया। अमेरिकी अटर्नी जनरल विलियम बार ने कहा कि यह हिंसा भड़काई गई है और एएनटीएफआई संगठन ने की है और अन्य समूह जो घरेलू स्तर पर आतंकवाद फैला रहे हैं, उनसे उचित तरीके से निपटा जाएगा।

वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, ''देश के कई हिस्सों में प्रदर्शनों के उपद्रव का रूप ले लेने के बाद कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने सप्ताहांत में दो दर्जन अमेरिकी शहरों से कम से कम 2,564 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से 20 प्रतिशत गिरफ्तारी लॉस एंजिलिस में हुई हैं। यह अशांति शुरुआत में मिनेसोटा के मिनीपोलिस से शुरू हुई थी लेकिन अब पूरे देश में फैल चुकी है जहां लॉस एंजिलिस, शिकागो, न्यूयॉर्क, ह्यूस्टन, फिलेडेल्फिया और वाशिंगटन डीसी समेत बड़े शहरों से हिंसा की खबरें आ रही हैं।

वाशिंगटन डीसी सहित 40 शहरों में कर्फ्यू

पुलिस हिरासत में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद जारी हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच रविवार को अमेरिका में वाशिंगटन डीसी सहित करीब 40 शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं, इस हिंसा की आग अमेरिका के राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस तक भी पहुंच गई है। व्हाइट हाउस के बाहर रविवार को बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी पहुंच गए। पुलिस को स्थिति को काबू में लाने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े। इस घटना ने अमेरिका में अश्वेतों के साथ भेदभाव की बहस छेड़ दी है।

बहरहाल, सीएनएन के अनुसार करीब 15 राज्यों में 5000 नेशनल गार्ड के सदस्यों को तैनात किया गया है। साथ ही जरूरत पड़ने पर किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए 2000 और नेशनल गार्ड भी तैयार रखे गए हैं। अमेरिका में ये हिंसा ऐसे समय में हो रही है जब देश में कोरोना वायरस महामारी के कारण लाखों लोग बेरोजगार हो गये हैं और एक लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसा टुल्सा और लॉस एंजिलिस तक फैल गई है। 

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