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Coronavirus: लड़खड़ाई चीन की अर्थव्यवस्था, बाजार में चीन की जगह ले सकता है भारत

By भाषा | Updated: March 1, 2020 12:32 IST

उद्योग मंडल एसोचैम का मानना है कि वायरस की वजह से वैश्विक निर्यात बाजार में चीन के खाली स्थान की जगह भारत ले सकता है।

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ठळक मुद्देकोरोना वायरस से टूटी चीन अर्थव्यवस्था की कमर, वैश्विक निर्यात बाजार में चीन के खाली स्थान की जगह भारत ले सकता हैकोरोना वायरस की वजह से अब तक 2900 लोग गंवा चुके हैं जान, 80000 से ज्यादा लोग वायरस से संक्रमित

कोरोना वायरस की वजह से चीन की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। उद्योग मंडल एसोचैम का मानना है कि वायरस की वजह से वैश्विक निर्यात बाजार में चीन के खाली स्थान की जगह भारत ले सकता है। एसोचैम ने यह भी कहा कि भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्युटिकल्स, विशेष प्रकार का रसायन और वाहन निर्यातक कच्चे माल के लिए चीन पर निर्भर हैं और उन्हें आपूर्ति दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां स्थानीय कारोबारियों के लिए अवसर बढ़े हैं।

एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा, ‘‘कुछ क्षेत्रों को छोड़कर भारत के बड़ी संख्या में इंजीनियरिंग निर्यातक चीन द्वारा खाली किए गए बाजार को हासिल कर सकते हैं। कुछ यही स्थिति चमड़ा और चमड़ा सामान क्षेत्र को लेकर भी है।’’ उन्होंने कहा कि भारत कृषि और कालीन क्षेत्र में भी अवसर तलाश सकता है। सूद ने कहा, ‘‘चीन के निर्यातक जब अपनी आपूर्ति को सामान्य करने की स्थिति में आ जाएंगे, उस समय भी हमारे कई क्षेत्रों को उससे प्रतिस्पर्धा करने को अपने उत्पादन के स्तर को बेहतर करना होगा।’’ सूद ने कहा कि कोरोना वायरस जैसी आपदा आज पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है। लेकिन भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वह इस खाली स्थान की भरपाई करे। भारत जैसे देशों को इस मुद्दे पर स्पष्ट रणनीति बनानी चाहिए।

चीन की अर्थव्यवस्था को कोरोना वायरस दंश

बता दें कि कोरोनावायरस महामारी के चलते चीन की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ा है। शनिवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, फरवरी में चीन में विनिर्माण गतिविधियां रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गयीं। ताजा मासिक सर्वे के अनुसार, चीन का खरीद प्रबंध सूचकांक (पीएमआई) फरवरी में गिर कर 35.7 पर आ गया। इस सूचकांक का 50 से नीचे रहना यह बताता है कि कारखाना उत्पादन घट रहा है। यदि सूचकांक 50 से ऊपर हो तो उसे उत्पादन में वृद्धि का संकेत माना जाता है। गैर-विनिर्माण गतिविधियों का सूचकांक फरवरी में 29.6 पर आ गया। यह जनवरी में 54.1 पर रहा था। 

चीन का विनिर्माण पीएमआई जनवरी में भी 50 से नीचे था। चीन ने 2005 से इन आंकड़ों को जमा करना शुरू किया है। उसके बाद इसका यह सबसे खराब स्तर है। इससे पहले ब्लूमबर्ग के एक सर्वेक्षण में विनिर्माण पीएमआई के फरवरी में हल्की गिरावट के साथ 45 रहने का अनुमान जताया गया था लेकिन ताजा आंकड़ा उससे बहुत नीचे है।

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