आठ साल तक पाकिस्तान में मौत की सजा के खौफ में जीती रहीं आसिया बीबी ने सुनाई आपबीती

By भाषा | Published: February 29, 2020 07:38 PM2020-02-29T19:38:08+5:302020-02-29T19:38:08+5:30

पाकिस्तान में उन्हें 2010 में ईशनिंदा का दोषी ठहराया गया था। झगड़े के बाद पड़ोसियों ने बीबी पर इस्लाम के अपमान का आरोप लगाया था।

Asia Bibi says I always believed I would be freed | आठ साल तक पाकिस्तान में मौत की सजा के खौफ में जीती रहीं आसिया बीबी ने सुनाई आपबीती

आठ साल तक पाकिस्तान में मौत की सजा के खौफ में जीती रहीं आसिया बीबी ने सुनाई आपबीती

Highlightsईशनिंदा के आरोप से बरी हो चुकी पाकिस्तान की ईसाई महिला आसिया बीबी ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि उन्हें हमेशा यक़ीन था कि वो रिहा होंगीआसिया बीबी पर 2009 में ईशनिंदा का आरोप लगा था, ये आरोप उन पर कुछ महिलाओं के साथ हुई बहस के बाद लगा था, एक साल बाद उन्हें मौत की सजा सुनाई गई

पाकिस्तान की ईसाई महिला आसिया बीबी ने कहा है कि उन्हें हमेशा से विश्वास था कि एक दिन वह मुक्त होंगी। ईशनिंदा के आरोप में आठ साल तक पाकिस्तान में मौत की सजा के खौफ में जीती रहीं बीबी को पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने आरोप से बरी कर दिया था। बीबी ने शुक्रवार को बीबीसी को दिए साक्षात्कार में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि एक दिन वह पाकिस्तान लौट पाएंगी। उन्होंने पाकिस्तान की जेल में अधिकारियों द्वारा दी गईं यातनाओं और उनके द्वारा किए गए दुर्व्यवहार को याद किया। चार बच्चों की मां बीबी (47) इस समय कनाडा में रहती हैं।

पाकिस्तान में उन्हें 2010 में ईशनिंदा का दोषी ठहराया गया था। झगड़े के बाद पड़ोसियों ने बीबी पर इस्लाम के अपमान का आरोप लगाया था। वह हमेशा कहती रहीं कि वह निर्दोष हैं, लेकिन फिर भी उन्हें कारावास में एकांत में आठ साल गुजारने पड़े। वह फ्रेंच पत्रकार एने इसाबेल टॉलेट के साथ मिलकर लिखी गई अपनी जीवनी ‘‘एन्फिन लिब्रे!’’ (अंतत: मुक्त) के प्रचार के लिए फ्रांस में थीं। उन्होंने कहा कि कष्ट के समय उनके धर्म ने उनकी मदद की। बीबी ने कहा, ‘‘उन्होंने (पाकिस्तानियों) मुझसे कहा कि तुम अपना धर्म बदल लो, तुम्हें मुक्त कर दिया जाएगा। लेकिन मैंने कहा कि नहीं, मैं अपने धर्म के साथ अपनी सजा का सामना करूंगी।’’ उन्होंने कहा कि उन्हें हमेशा विश्वास था कि उन्हें बरी कर दिया जाएगा। बीबीसी ने उनके हवाले से कहा, ‘‘मुझे अपने पति से पता चला कि पूरा विश्व मेरे लिए प्रार्थना कर रहा है। और यहां तक कि पोप ने भी प्रार्थना की है। इससे मुझे प्रसन्नता मिली। और मैंने पाया कि पूरा विश्व मेरे कष्ट समापन के लिए प्रार्थना कर रहा है। इससे मुझे लगा कि उनकी प्रार्थनाएं निश्चित तौर पर मुझे बरी कराएंगी।’’

उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का आह्वान किया कि वह ईशनिंदा में अनुचित रूप से आरोपी बनाए गए और दोषी ठहराए गए हर व्यक्ति को रिहा करें तथा आरोपों की उचित जांच सुनिश्चित करें। अपनी भयावह कहानी के बावजूद बीबी अब भी पाकिस्तान के बारे में सकारात्मक सोचती हैं। उन्होंने एक दिन पाकिस्तान लौटने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरा देश था जिसने मुझे बरी किया। उसपर मुझे गर्व है। मैंने खुद देश छोड़ा क्योंकि मुझे वहां खतरा था। वहां मुझे कभी भी कुछ भी हो सकता था। इसीलिए मैंने अपना देश छोड़ा। लेकिन मेरे दिल में अब भी अपने देश के लिए पहले जैसा ही प्यार है। मैं अब भी अपने देश का सम्मान करती हूं और मैं वह दिन देखना चाहती हूं जब मैं वहां वापस जा सकूं।’’ पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने 31 अक्टूबर 2018 को बीबी को ईशनिंदा के आरोपों से बरी कर दिया था।

न्यायालय के इस फैसले से पाकिस्तान में रोष भड़क गया था और इस्लामी राजनीतिक दल ‘तहरीक ए लबैक पाकिस्तान’ तथा अन्य समूहों के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने देश के विभिन्न हिस्सों में राजमार्गों और सड़कों को अवरुद्ध कर दिया था। आसिया बीबी के पति आशिक मसीह ने एक वीडियो के माध्यम से अमेरिकी राष्ट्रपति, ब्रिटेन और कनाडा के प्रधानमंत्रियों सहित दुनियाभर के नेताओं से आग्रह किया था कि वे बीबी को पाकिस्तान से सुरक्षित बाहर निकालने में मदद करें। सेंटर फॉर सोशल जस्टिस के आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान में 1987 से 2017 तक ईशनिंदा कानून के तहत 720 मुसलमानों, 516 अहमदियों, 238 ईसाइयों और 31 हिन्दुओं को आरोपी बनाया गया है।

Web Title: Asia Bibi says I always believed I would be freed

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