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Syria war: सीमा पर मौजूद कुर्द लड़ाकों पर तुर्की करेगा हमला, सिर्फ मंगलवार शाम तक इलाके छोड़ने का समय

By भाषा | Updated: October 29, 2019 12:24 IST

सीरियाई-कुर्द लड़ाकों के पास तुर्की सीमा के 30 किमी क्षेत्र से दूर जाने के लिए मंगलवार तीन बजे तक का समय है। कुर्द सेना के हटने के बाद सीमा पर रुस और तुर्की सेना संयुक्त रुप से गश्त करेगी। 

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ठळक मुद्देबगदादी पर हमले के दौरान अमेरिका-तुर्की सैन्य बलों के बीच गहन तालमेल रहा: अंकारा

तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत शावोशग्लू ने कहा है कि यदि समयसीमा समाप्त होने के बाद उत्तर-पूर्व सीरिया के सीमाई क्षेत्र में कोई भी सीरियाई-कुर्द लड़ाका रुका तो उनकी सेना उस पर हमला करेगी। विदेश मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि सोमवार को रुसी और सीरियाई अधिकारियों ने यह जानकारी दी कि कुछ कुर्द लड़ाके सीमा क्षेत्र से चले गए हैं लेकिन अभी बहुत से वहां मौजूद हैं।

बगदादी पर हमले के दौरान अमेरिका-तुर्की सैन्य बलों के बीच गहन तालमेल रहा: अंकारा

तुर्की ने सोमवार को कहा कि उनके देश की सैन्य और खुफिया सेवा ने अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ इस्लामिक स्टेट के सरगना अबू बकर अल-बगदादी के ऊपर किए गए हमले के दौरान गहन संपर्क रखा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को घोषणा की थी कि अमेरिका के विशेष बलों ने उत्तरपश्चिमी सीरिया में एक हमले के दौरान बगदादी को मार गिराया है। यह स्थान तुर्की की सीमा से कुछ ही किलोमीटर दूर है।

तुर्की के राष्ट्रपति के प्रवक्ता इब्राहिम कलिन ने कहा, ‘‘ हमारी सैन्य सेवा और खुफिया सेवा इस मामले में अपने अमेरिकी समकक्षों से संपर्क में थे। उन्होंने एक-दूसरे से संपर्क रखा।’’ कलिन ने अंकारा में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हम कह सकते हैं कि अभियान वाली रात हमारी सेनाओं के बीच गहन बातचीत हुई।’’

कलिन ने बगदादी की मौत को ‘जीत’ करार देते हुए कहा कि अंकारा इस्लामिक स्टेट की 'विकृत मानसिकता’ के खिलाफ अपनी ‘प्रभावी लड़ाई’ जारी रखेगा। हालांकि तुर्की पर यह आरोप लगता रहा है कि उसने जिहादियों को अपनी सीमा पार करने की अनुमति दी थी ताकि वह सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ गृहयुद्ध में हिस्सा लें सकें।

सीरिया में पिछले आठ साल से गृह युद्ध चल रहा है। हालांकि तुर्की में 2015 में जब इस्लामिक स्टेट ने कई हमले किए तो तुर्की जिहादी-विरोध गठबंधन में शामिल हो गया। हालांकि पिछले कुछ सप्ताह में तुर्की पर यह आरोप लगा है कि वह इस्लामिक स्टेट के खिलाफ चल रही लड़ाई को सीरियाई कुर्द वाईपीजी मिलिशिया पर हमले करके कमजोर कर रही है।

अमेरिका समर्थित सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज का वाईपीजी मुख्य हिस्सा है और इसने इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के खिलाफ व्यापक स्तर लड़ाई लड़ी है। हालांकि तुर्की वाईपीजी को इस्लामिक स्टेट जैसा ही एक आतंकवादी समूह मानता है। तुर्की का कहना है कि वाईपीजी कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) की ही उपशाखा है।

पीकेके ने तुर्की के खिलाफ 1984 से ही अभियान चला रखा है। रविवार को ट्रंप ने अपने बयान में तुर्की और कुर्द बल दोनों को बगदादी के मारे जाने में मदद का श्रेय दिया था लेकिन कलिन ने कुर्द बलों को किसी भी तरह का श्रेय देने की आलोचना की।

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