ब्रिटिश संस्था ने यूट्यूब एड को अति-कामुक बताकर किया बैन, कहा- महिलाओं को 'वस्तु' की तरह करता है पेश
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 5, 2020 17:07 IST2020-02-05T17:07:06+5:302020-02-05T17:07:06+5:30
विज्ञापन के वीडियो में देखा जा सकता है कि एक महिला उत्तेजक कपड़े पहने हुए है। उसने काले रंग का चैप्स-स्टाइल निक्कर और एक कट-आउट ऑरेंज ब्रा पहन रखी है।

एड करती मॉडल।
महिलाओं के कपड़ों का विज्ञापन करने वाली 'प्रिटी लिटिल थिंग' के एक विज्ञापन को प्रतिबंधित कर दिया गया है। एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी (एएसए) ने अत्यधिक उत्तेजक होने वाले विज्ञापन का हवाला देते हुए प्रतिबंधित किया है। विज्ञापन को 29 अक्टूबर 2019 को यूट्यूब पर रूप में देखा गया।
इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार, विज्ञापन के वीडियो में देखा जा सकता है कि एक महिला उत्तेजक कपड़े पहने हुए है। उसने काले रंग का चैप्स-स्टाइल निक्कर और एक कट-आउट ऑरेंज ब्रा पहन रखी है। इस एड को उत्तेजक बताते हुए प्रतिबंधित करने की कार्रवाई की गई है। विज्ञापन में मॉडल को बॉडीसूट पहने फर्श पर लेटे हुए भी देखा जा सकता है।
शिकायतकर्ता ने उम्मीद जताई थी कि यह 'अत्यधिक उत्तेजक एड है। इसको एएसए अपमानजनक और गैर-जिम्मेदार ठहराकर कार्रवाई करेगा। रिटेलर ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं था कि एक विज्ञापन बनाया जाए, जोकि उत्तेजक और गैर-जिम्मेदार समझा जाए। वे एक सकारात्मक और स्वस्थ छवि को बढ़ावा देने के इच्छुक थे जोकि सशक्त महिलाओं को दिखाती है।
फैशन ब्रांड ने एएसए को एड बनाने की प्रक्रिया के बारे में अवगत कराया, जिसमें रेखांकित किया गया था कि किस उद्देश्य से इस तरह के कपड़ों को डिजाइन किया गया। बहरहाल, बुधवार 5 फरवरी को एएसए ने अपने फैसले में कहा कि विज्ञापन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, यह निष्कर्ष निकालते हुए कि 'गंभीर अपराध होने की संभावना है और गैर जिम्मेदाराना है'।
एएसए ने कहा, "हमने माना कि दृश्यों को प्रभावी बनाकर उत्पादों को अति-कामुक तरीके से प्रस्तुत किया गया था, जोकि दर्शकों को महिलाओं को यौन वस्तुओं के रूप में देखने के लिए आमंत्रित करता था।"