लाइव न्यूज़ :

अत्याचार पर नयी रिपोर्ट के बीच तालिबान ने एयरलिफ्ट की तय समय सीमा के पालन पर जोर दिया

By भाषा | Updated: August 25, 2021 00:38 IST

Open in App

वाशिंगटन, 24 अगस्त (एपी) तालिबान ने मंगलवार को चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका द्वारा विमान के जरिये अफगानिस्तान से लोगों को ले जाने की कार्रवाई 31 अगस्त तक खत्म हो जानी चाहिए। इससे , पहले ही निकासी के लिए बना अफरा-तफरी का माहौल और गंभीर हो सकता है क्योंकि उत्पीड़न की नयी खबरों से देश छोड़कर जाने के इच्छुक हजारों लोगों की धड़कनें और बढ़ गई हैं। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडन भी समय सीमा को लेकर प्रतिबद्ध हैं लेकिन यूरोपीय नेता और अधिक समय के लिए दबाव बना रहे हैं। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि सात देशों का समूह जी-7 तालिबान को तब तक मान्यता नहीं देगा जब तक वह देश छोड़ने के इच्छुक लोगों को उनकी इच्छानुसार समय सीमा से पहले और अगस्त के बाद भी निकासी की गारंटी नहीं देता। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि उनका समूह समय सीमा ‘‘बढ़ाए जाने की बात नहीं’’ स्वीकार करेगा और उसके बाद अफगानों को विमानों से निकासी की अनुमति नहीं दी जाएगी। उसने कहा कि तालिबान हवाई अड्डे को जाने वाले रास्तों पर अफगानों को रोकेगा ताकि भीड़ वहां जमा नहीं हो लेकिन विदेशियों को जाने की अनुमति देगा। हालांकि, तत्काल यह स्पष्ट नहीं हो सका कि वे विदेशियों की सुरक्षा में जा रहे अफगानों को रोकेंगे या पश्चिमी देशों के निकासी अभियान को। मुजाहिद ने कहा कि देश में जनजीवन सामान्य हो रहा है लेकिन हवाईअड्डे पर अव्यवस्था की समस्या बनी हुई है। कई अफगान देश पर तालिबान का कब्जा होने के बाद बाहर भागने के लिए बेचैन हैं।मुजाहिद ने कहा कि निर्धारित समय के बाद हवाई अड्डे की सुरक्षा तालिबान अपने हाथ में ले लेगा। हालांकि उसने कहा कि अब तक स्पष्ट नहीं है कि काबुल से कब तक वाणिज्यिक उड़ानें बहाल होंगी। इस बीच व्हाइट हाउस ने मंगलवार सुबह बताया कि गत 24 घंटे के दौरान 21,600 लोग अफगानिस्तान से बाहर आए हैं। मुजाहिद ने कहा कि उन्हें तालिबान और ‘सीआईए’ के बीच किसी भी बैठक की ‘जानकारी’ नहीं है। हालांकि मुजाहिद ने इस तरह की बैठक से इनकार नहीं किया। एक अधिकारी का कहना है कि अमेरिकी एजेंसी के निदेशक ने सोमवार को काबुल में तालिबान के शीर्ष राजनीतिक नेता से मुलाकात की।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

विश्वपठानों से निपटना पाक के लिए टेढ़ी खीर?, पाकिस्तान और अफगानिस्तान वार्ता नाकाम

भारतकाबुल वाला क्या लाया, क्या ले गया?, भारत क्या तालिबान के करीब जा रहा है?

विश्वमुत्ताकी से पूछिए कि लड़कियों को स्कूल क्यों नहीं जाने देते?

विश्व2024 के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप से हार, खबर सुनकर पूर्व उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा, ‘हे भगवान, अब हमारे देश का क्या होगा?’

विश्वश्रीलंका, बांग्लादेश और अब नेपाल?, हमारे पड़ोसी देशों में यह क्या हो रहा है?

विश्व अधिक खबरें

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए

विश्वएलन मस्क की चिंता और युद्ध की विभीषिका