2020 Nobel Prize: अमेरिकी कवयित्री लुईस ग्लक को साहित्य का नोबेल पुरस्कार

By सतीश कुमार सिंह | Published: October 8, 2020 05:27 PM2020-10-08T17:27:52+5:302020-10-08T18:33:49+5:30

1943 में न्यूयॉर्क में पैदा हुईं लुईस ग्लक कैम्ब्रिज और मसाचुसेट्स में रहती हैं। स्वतंत्र रूप से लिखने के अलावा वे येल, न्यू हैवेन और कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी की प्रोफेसर भी रही हैं, इसके पहले उन्हें पुलित्जर सहित कई और पुरस्कार मिल चुके हैं।

American poet Louise Glück wins the 2020 Nobel Prize in Literature | 2020 Nobel Prize: अमेरिकी कवयित्री लुईस ग्लक को साहित्य का नोबेल पुरस्कार

स्टाकहोम में ‘स्वीडिश अकेडमी ऑफ साइंसेज' के पैनल ने गुरुवार को विजेताओं की घोषणा की।  (file photo)

Highlightsनोबेल पुरस्कार के तहत स्वर्ण पदक, एक करोड़ स्वीडिश क्रोना (तकरीबन 8.20 करोड़ रुपये) की राशि दी जाती है।2018 में पुरस्कार की घोषणा टाल दी गई क्योंकि स्वीडिश एकेडमी यौन शोषण के आरोपों में घिर गई थी।

स्टॉकहोमः अमेरिकी कवयित्री लुईस ग्लक को 2020 साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। इसकी जानकारी स्वीडिश एकेडमी ने गुरुवार को दी। स्टाकहोम में ‘स्वीडिश अकेडमी ऑफ साइंसेज' के पैनल ने गुरुवार को विजेताओं की घोषणा की। 

1943 में न्यूयॉर्क में पैदा हुईं लुईस ग्लक कैम्ब्रिज और मसाचुसेट्स में रहती हैं। स्वतंत्र रूप से लिखने के अलावा वे येल, न्यू हैवेन और कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी की प्रोफेसर भी रही हैं, इसके पहले उन्हें पुलित्जर सहित कई और पुरस्कार मिल चुके हैं। नोबेल पुरस्कार के तहत स्वर्ण पदक, एक करोड़ स्वीडिश क्रोना (तकरीबन 8.20 करोड़ रुपये) की राशि दी जाती है।

अमेरिकी कवयित्री लुईस ग्लक को 2020 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। स्वीडिश एकेडमी के स्थायी सचिव मैट्स माल्म ने स्टॉकहोम में बृहस्पतिवार को साहित्य के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की। ग्लक को यह पुरस्कार उनकी ‘‘शानदार काव्यात्मक आवाज के लिए दिया गया है, जो सादगी भरी सुंदरता के साथ व्यक्तिगत अस्तित्व को वैश्विक बनाती है।’’

अमेरिकी कवयित्री लुईस ग्लिक को 2020 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। स्वीडिश एकेडमी के स्थायी सचिव मैट्स माल्म ने स्टॉकहोम में बृहस्पतिवार को साहित्य के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की। ग्लिक को यह पुरस्कार उनकी ‘‘शानदार काव्य शैली के लिए दिया गया है, जो व्यक्तिगत अस्तित्व को सार्वभौमिक पहचान दिलाती है और जिसमें सादगी भरी सुंदरता का अप्रतिम वर्णन है।’’ नोबेल एकेडमी ने कहा कि न्यूयॉर्क में जन्मीं ग्लिक ने 1968 में अपनी पहली रचना ‘फर्स्टबॉर्न’ लिखी और वह जल्द ही अमेरिकी समकालीन साहित्य के सर्वाधिक जाने-माने कवियों की श्रेणी में शामिल हो गईं।

ग्लिक येल यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी की प्रोफेसर हैं

ग्लिक (77) येल यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी की प्रोफेसर हैं। एकेडमी ने कहा कि उनकी कविताएं प्राय: बाल्यावस्था, पारिवारिक जीवन, माता-पिता और भाई-बहनों के साथ घनिष्ठ संबंधों पर केंद्रित रही हैं। इसने कहा कि 2006 में आया उनका संग्रह ‘एवर्नो’ एक शानदार संग्रह है। यह पुरस्कार कई साल के विवाद के बाद दिया गया है। वर्ष 2018 में यह पुरस्कार तब टाल दिया गया था जब स्वीडिश एकेडमी यौन शोषण के आरोपों से हिल उठी थी और इसके सदस्यों को सामूहिक रूप से इस्तीफा देना पड़ा था।

नोबेल फाउंडेशन ट्रस्ट का विश्वास पुन: प्राप्त करने के लिए एकेडमी ने खुद का पुनर्गठन किया और फिर पिछले साल दो विजेताओं का चयन किया गया। 2018 का पुरस्कार पोलैंड की ओल्गा तोकरजुक और 2019 का पुरस्कार ऑस्ट्रिया के पीटर हैंडके के खाते में आया। हैंडके के पुरस्कार को लेकर विरोध भड़क उठा। 1990 के दशक के बाल्कन युद्ध के दौरान सर्ब बलों के समर्थक रहे हैंडके को सर्ब युद्ध अपराधों का समर्थक कहा जाता रहा है।

अल्बानिया, बोस्निया और तुर्की सहित कई देशों ने विरोध में नोबेल पुरस्कार समारोह का विरोध किया और साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए साहित्यकारों का चयन करने वाली समिति के एक सदस्य ने इस्तीफा दे दिया। नोबेल पुरस्कार के तहत स्वर्ण पदक और एक करोड़ स्वीडिश क्रोनर (लगभग 8.20 करोड़ रुपये) की राशि दी जाती है।

स्वीडिश क्रोनर स्वीडन की मुद्रा है। यह पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर दिया जाता है। इससे पहले, रसायन विज्ञान और भौतिकी सहित कई क्षेत्रों में इस साल के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की जा चुकी है। शांति एवं अर्थशास्त्र के क्षेत्र में इस पुरस्कार की घोषणा की जानी अभी बाकी है।

नोबेल साहित्य पुरस्कार बीते कुछ सालों से विवादों में रहा

नोबेल साहित्य पुरस्कार बीते कुछ सालों से विवादों में रहा है। 2018 में पुरस्कार की घोषणा टाल दी गई क्योंकि स्वीडिश एकेडमी यौन शोषण के आरोपों में घिर गई थी। यह वही संस्था है जो पुरस्कार विजेताओं को चुनती है. आरोपों में घिरने के बाद कई सदस्यों ने खुद को एकेडमी से अलग कर लिया।

काफी उठापटक के बाद आखिरकार एकेडमी ने अपना भरोसा हासिल किया और फिर बीते साल एक साथ दो पुरस्कारों की घोषणा की गई।2018 के लिए पोलैंड की ओल्गा तोकारचुक और 2019 के लिए पेटर हांडके को पुरस्कार दिया गया।

Web Title: American poet Louise Glück wins the 2020 Nobel Prize in Literature

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