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अमेरिका में विदेशी छात्रों की बढ़ी मुश्किल, ऑनलाइन क्लास वाले स्टूडेंट को वापस भेजा जाएगा अपने देश, वीजा वापस लेने की घोषणा

By विनीत कुमार | Updated: July 7, 2020 09:53 IST

अमेरिका में विदेश छात्रों के लिए नई मुश्किल खड़ी हो गई है। ICE ने कहा है कि ऐसे छात्र जिनकी कक्षाएं पूरी तरह से ऑनलाइन चल रही हैं उन्हें वीजा जारी नहीं किया जाएगा।

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ठळक मुद्देअमेरिका में विदेशी छात्रों के लिए नई मुश्किल, ऑनलाइन क्लास वाले छात्रों को अपने देश लौटने का फरमानआगे भी ऑनलाइन छात्रों के लिए वीजा जारी नहीं करने की योजना, भारतीय छात्रों की बढ़ सकती है मुश्किल

अमेरिका ने कहा है कि वो कोरोना वायरस संकट के बीच जिन विदेशी छात्रों की सभी कक्षाएं ऑनलाइन शिफ्ट हो गई हैं, उन्हें वह रहने की इजाजत नहीं देगा। एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (इमीग्रेशन ऐंड कस्टम्स एनफोर्समेंट) ने कहा कि अमेरिका में स्टूडेंट वीजा पर ऐसे छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। 

इमीग्रेशन ऐंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (आईसीई) की ओर से कहा गया, 'नॉन इमिग्रेंट F-1 और M-1 छात्र जो पूरी तरह से ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं वे इसे लेते हुए अमेरिका में नहीं रह सकते हैं।'

'ऑनलाइन क्लास वाले विदेश छात्र चले जाएं अमेरिका से बाहर'

अमेरिका की ओर से कहा गया अमेरिका में जो मौजूदा बाहरी छात्र हैं और ऑनलाइन कोर्स ले रहे हैं, उन्हें तत्काल देश से बाहर चले जाना चाहिए। अमेरिका ने कहा है कि अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो छात्रों को इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

आईसीई की ओर से कहा गया, टस्टेट डिपार्टमेंट उन छात्रों के लिए वीजा अब जारी नहीं जिनका नामांकन उस कोर्स/स्कूल में है जो पूरे सेमेस्टर के लिए ऑनलाइन कोर्स करा रहे हैं। साथ ही यूएस कस्टम और बॉर्डर प्रोटेक्शन भी ऐसे छात्रों के लिए कोई परमिट जारी नहीं करेगा।'

बता दें कि आईसीई के अनुसार F-1 के छात्र अकैडमिक कोर्सवर्क में शामिल होते हैं जबकि M-1 स्टूडेंट 'वोकेशनल कोर्सवर्क' करते हैं। हालांकि, अमेरिका में ज्यादातर कॉलेज और यूनिवर्सिटी ने अभी अपने अगले सेमेस्टर के लिए किसी योजना की घोषणा नहीं की है।

अमेरिका में बड़ी संख्या में रहते हैं विदेशी छात्र

कई स्कूल और यूनिवर्सिटी हाइब्रिड मॉडल के बारे में सोच रहे हैं। इसमें ऑनलाइन निर्देश सहित व्यक्तिगत सलाह के प्रावधान हैं जबकि हॉर्वर्ड जैसे कुछ बड़े विश्वविद्यालयों ने छात्रों के लिए पूरी तरह से ऑनलाइन क्लासेज का इंतजाम की बात कही है। हॉर्वर्ड ने कहा है कि 40 प्रतिशत अंडर-ग्रेजुएट छात्रों को कैंपस आने की अनुमति होगी लेकिन उनके लिए सभी निर्देश ऑनलाइन होंगे।  

अमेरिका में साल 2018-19 सत्र के लिए 10 लाख से ज्यादा बाहरी छात्र मौजूद थे। ये डाटा इंस्टट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एजूकेशन (आईआईई) के हैं। ये संख्या अमेरिका में उच्च शिक्षा हासिल करने वाली जनसंख्या की 5.5 फीसदी है। आईआईई के अनुसार विदेश छात्रों की ओर से साल 2018 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 44.7 बिलियन डॉलर आए थे। अमेरिका में सबसे ज्यादा विदेश छात्र चीन से हैं। इसके बाद भारत, दक्षिण कोरिया, सउदी अरब और कनाडा का स्थान आता है।

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