America Donald Trump: ट्रम्पवाद पाना चाहता है दुनिया पर नियंत्रण?, अमेरिका के मुकुटविहीन राजा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 13, 2025 05:49 IST2025-02-13T05:49:05+5:302025-02-13T05:49:05+5:30

America Donald Trump: 1940 का वह दशक ब्रिटेन और यूरोप के दुर्दिनों का दशक था, जब अमेरिकी साम्राज्यवाद का उभार हो रहा था.

America Donald Trump Trumperialism plans to control the world blog Prabhu Chawla America's uncrowned king | America Donald Trump: ट्रम्पवाद पाना चाहता है दुनिया पर नियंत्रण?, अमेरिका के मुकुटविहीन राजा

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Highlightsआज ट्रम्प अमेरिका के मुकुटविहीन राजा हैं, जिनकी निगाहों में दुनिया का सारा कुछ है.चुनाव जीतकर आए ट्रम्प उस दौर में विलय और अधिग्रहणों के जरिये अपने साम्राज्य का विस्तार कर रहे हैं.जब पूंजीवाद ने फिर से पैसे की ताकत साबित की है, तब ट्रम्पवाद शीर्ष पर है.

America Donald Trump: उपनिवेशवाद मर चुका है, उपनिवेशवाद अमर रहे. फिर अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए डोनाल्ड ट्रम्प यह समझ चुके हैं कि अमेरिकी साम्राज्यवाद को उदार लोकतंत्र के समर्थक राष्ट्रपतियों ने कमजोर कर दिया है. ट्रम्प अमेरिका को द्वितीय विश्वयुद्ध से पहले के दौर में वापस ले जाना चाहते हैं, जब तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रेंकलिन रूजवेल्ट ने अमेरिका को यूरोप और बर्लिन की मुश्किलों से अलग-थलग कर रखा था. हालांकि 1940 का वह दशक ब्रिटेन और यूरोप के दुर्दिनों का दशक था, जब अमेरिकी साम्राज्यवाद का उभार हो रहा था.

आज ट्रम्प अमेरिका के मुकुटविहीन राजा हैं, जिनकी निगाहों में दुनिया का सारा कुछ है. चुनाव जीतकर आए ट्रम्प उस दौर में विलय और अधिग्रहणों के जरिये अपने साम्राज्य का विस्तार कर रहे हैं, जब सच-झूठ पर नजर रखने वाला कोई अंपायर नहीं है. उनका सपना ही उनका मिशन है. जब पूंजीवाद ने फिर से पैसे की ताकत साबित की है, तब ट्रम्पवाद शीर्ष पर है.

सब कुछ खा लेने वाले ट्रम्पवाद ने दुनिया का सब कुछ अधिगृहीत कर लिया है. एक तरफ ट्रम्प के विरोधी उन पर बिना सोचे-समझे कदम उठाने का आरोप लगा रहे हैं, दूसरी तरफ खुद ट्रम्प ग्रीनलैंड को खरीदना चाहते हैं, पनामा नहर पर कब्जा जमाना चाहते हैं और कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाना चाहते हैं. उनके पागलपन में एक पैटर्न है.

अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति की गिद्धदृष्टि अब युद्धजर्जर गाजा पर है. हालांकि ह्वाइट हाउस के घबराए हुए वरिष्ठ कर्मचारी अब कह रहे हैं कि ट्रम्प ने कभी नहीं कहा कि अमेरिका गाजा पर कब्जा कर उसे भूमध्यसागरीय रिवेरिया में विकसित करेगा, पर खुद राष्ट्रपति ट्रम्प को अपने कारोबार को आगे बढ़ाने के बारे में बताने में कभी संकोच नहीं हुआ.

ह्वाइट हाउस में इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मौजूदगी में ट्रम्प ने अपनी गाजा योजना का खुलासा किया, ‘हम उसे ले लेंगे और उस पूरे क्षेत्र में पड़े बिना फूटे बमों व दूसरे हथियारों को हटा देंगे. ध्वस्त मकानों को गिराकर पूरे इलाके को समतल कर देंगे. हम वहां आर्थिक विकास का काम शुरू करेंगे, जिससे कि आसपास के लोगों को रोजगार और रहने की जगह मिल सके.

हम कुछ अलग काम करेंगे... यह फैसला सोच-समझकर लिया गया है. मैंने जिनसे भी बात की है, उन सबको यह विचार पसंद आया है कि अमेरिका गाजा को ले लेगा, उसे विकसित करेगा तथा हजारों लोगों को रोजगार देगा.’ ट्रम्प के दलाल और प्रॉपर्टी डेवलपर दामाद जेरेड कुशनर का, जो ट्रम्प के पहले राष्ट्रपति काल में पश्चिम एशिया में अमेरिका के विशेष दूत थे और जिनके कारण इजराइल और अरब देशों के बीच रिश्ता सामान्य बनाने वाला अब्राहम समझौता संभव हुआ था, कहना है, ‘अगर लोग रोजगार के लिए आगे आएं, तो गाजा की रिवरफ्रंट प्रॉपर्टी काफी कीमती हो सकती है.’

वर्ष 2024 में कुशनर ने अरब-इजराइल विवाद को रियल एस्टेट विवाद बताकर पूरे संकट को एक नया मोड़ तो दे ही दिया था, इस ओर भी इशारा किया था कि कॉर्पोरेट भू-राजनीति वैश्विक विमर्श को नया रूप दे सकती है. यह पहली बार नहीं है जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने विस्तारवादी दुस्साहस का परिचय दिया है. अपनी नीतियों और फैसलों के बारे में अपने स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर वह बताते हैं. इसी पर उनकी पोस्ट है, ‘कनाडा को अमेरिका सैकड़ों अरब डॉलर की सब्सिडी देता है. इतनी भारी सब्सिडी के बगैर एक देश के रूप में कनाडा का अस्तित्व संभव ही नहीं है.’

ग्रीनलैंड के बारे में ट्रम्प ने कहा, ‘मुझे समझ में नहीं आता कि इस पर डेनमार्क के दावे का आधार क्या है, लेकिन अगर वह अमेरिका की योजना को फलीभूत नहीं होने देता, तो वह एक शत्रुतापूर्ण कदम होगा, क्योंकि ग्रीनलैंड के बारे में अमेरिका की योजना मुक्त विश्व के संरक्षण की योजना है.’ वर्ष 2019 में उन्होंने कहा था कि ग्रीनलैंड पर अमेरिकी कब्जा रणनीतिक कारणों और वैश्विक सुरक्षा के लिए जरूरी है.

अब ट्रम्प की टिप्पणी यह है, ‘पनामा नहर पर चीन का नियंत्रण है, जबकि वह चीन को नहीं, बल्कि पनामा को मूर्खतापूर्ण तरीके से दिया गया था (1977 में जिमी कार्टर द्वारा), लेकिन चीन ने समझौते का उल्लंघन किया, और हम वह नहर वापस लेने जा रहे हैं. जल्दी ही कुछ बड़ा होने वाला है.’ ट्रम्प ने डॉलर साम्राज्यवाद को भी आक्रामक ढंग से पेश करते हुए इसे वैश्विक व्यापार और वाणिज्य की प्रमुख मुद्रा बनाए रखने का ठोस संदेश दिया है. पिछले कुछ वर्षों से चीन के नेतृत्व में कुछ देश प्रमुख वैश्विक मुद्रा के रूप में डॉलर को हटाना चाहते हैं, ताकि विश्व व्यापार को अमेरिकी नियंत्रण से मुक्त किया जा सके.

अमेरिकी सत्ता प्रतिष्ठान का मानना है कि ब्रिक्स के मूल सदस्य देश-ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका एक वैकल्पिक वैश्विक मुद्रा पर काम कर रहे हैं. हालांकि भारत शुरू से ही इस आरोप को खारिज करता आया है. ट्रम्प ने धमकी देते हुए कहा है, ‘यह ज्ञात तथ्य है कि ब्रिक्स देश डॉलर से अलग होने की कोशिश में हैं.

शत्रुतापूर्ण व्यवहार करने वाले इन देशों से हम यह आश्वासन चाहते हैं कि वे न तो ब्रिक्स की कोई करेंसी लाएंगे, न ही ताकतवर अमेरिकी डॉलर को विस्थापित करेंगे. अगर वे इसका उल्लंघन करते हैं, तो उन पर सौ फीसदी शुल्क लगाया जाएगा और उन्हें अमेरिकी बाजार में अपने उत्पाद बेचने से हाथ धोना होगा. ब्रिक्स द्वारा अमेरिकी डॉलर को विस्थापित करने की कोई गुंजाइश नहीं है.’

ट्रम्प का नारा, ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ अब ‘मेक अमेरिका ग्लोबली मेड अगेन’ में बदल गया है. अपने विस्तारवादी अभियान में व्यापार के पारंपरिक कौशल को ट्रम्प ने आधुनिक अंतरराष्ट्रीयतावाद से जोड़ दिया है. उनके कॉर्पोरेट दोस्त कब के खत्म हो चुके ब्रिटिश साम्राज्यवाद से प्रेरणा ले रहे हैं. शायद उन्हें यह बताया गया हो कि अपने सामान और कारोबार के जरिये व्यापार और इलाकों को जीतना आसान है.

वर्ष 1600 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी समुद्र के रास्ते भारत आई थी और 1757 तक उन्होंने भारत के एक बड़े हिस्से पर कब्जा जमा लिया था. ट्रम्प की विस्तारवादी महत्वाकांक्षा भले ही हू-ब-हू वह न हो, लेकिन उन्होंने एलन मस्क, मार्क जुकरबर्ग और जेफ बेजोस जैसी ताकतवर शख्सियतों को अपने प्लेटफॉर्मों के जरिये दुनिया को जोड़ने के अभियान में नियुक्त कर रखा है. मस्क यूक्रेन में जेलेंस्की से, रूस में पुतिन से और पश्चिम एशिया के नेताओं से संपर्क साधे हुए हैं. ट्रम्पवाद का सपना वैश्विक नियंत्रण के उसी साम्राज्यवाद की स्थापना का है, जिसमें कभी सूर्य अस्त न होता हो.  

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