वाशिंगटन, 23 मार्च। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आयात पर 60 अरब डॉलर का टैरिफ लगाने ऐलान किया है। राष्ट्रपति ट्रंप के इस कदम के बाद चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो अमेरिका का कहना है कि चीन उसकी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी का गलत ढंग से इस्तेमाल कर रहा है जिसके चलते ट्रंप ने उसे दंडित करने के लिए 60 अरब का टैरिफ लगाया है।
चीन द्वारा चुराई जा रही बौद्धिक संपदा पर अमेरिका बीते 7 महीने से नजर बनाए हुआ था जिसके बाद ट्रंप ने यह कदम उठाया है। इस मामले में राष्ट्रपति ट्रंप का कहना है कि हमें बौद्धिक संपदा की चोरी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जिसे हमें हर हाल में रोकना होगा। यह हमें बेहद मजबूत, और सबसे संपन्न देश बनाने में मदद करेगा।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने भारत समेत चीन और कई अन्य देशों को कहा था कि वे अमेरिकी सामानों पर टैक्स कम करें नहीं तो उन्हें भी भारी टैक्स झेलने पड़ेंगे। उन्होंने कहा था कि अमेरिका दूसरे देशों पर बहुत कम टैक्स लगाता है, वहीं दूसरे देश अमेरिकी वस्तुओं पर ज्यादा टैक्स लगाते हैं।
अमेरिका के फैसले के बाद चीन लगाएगा 128 वस्तुओं पर इम्पोर्ट ड्यूटी
डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले की चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। अपने ऊपर टैरिफ लगाए जाने के बाद चीन ने करारा जवाब देते हुए अमेरिका से आयात होने वाली 128 वस्तुओं पर इम्पोर्ट ड्यूटी लगाने का फैसला किया है। चीनी मीडिया के मुताबिक वाणिज्य मंत्रालय ने इस मामले में एक बयान जारी कर कहा है कि हमने 128 वस्तुओं पर इम्पोर्ट टैरिफ लगाने का फैसला किया है।
चीन जिन पर इम्पोर्ट टैरिफ लगा सकता है उनमें फल, मेवा, स्टील पाइप, मांस और शराब जैसे कई प्रोडक्ट शामिल हैं। इन प्रोडक्ट पर 15 प्रतिशत तक इम्पोर्ट टैरिफ लगाए जाने की खबर है। जबकि मांस और एल्युमीनियम जैसी चीजों पर 25 फीसद तक इम्पोर्ट टैक्स लगाने की बात कही जा रही है। बता दें कि हर साल अमेरिका से चीन में करीब 17200 करोड़ डॉलर का आयात होता है।