वैज्ञानिकों ने अन्य उद्देश्य के लिए पहले से इस्तेमाल में लायी जा रही उन दवाओं की पहचान के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) का इस्तेमाल किया है जो कोशिकाओं में सार्स-कोव-2 संक्रमण को रोक सकती हैं या घटा सकती हैं। प्रोसीडिंग्स ऑफ नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस में प्रकााशित अध्ययन के लिए सार्स-कोव-2 से संक्रमण के दौरान मानव कोशिका रेखाओं के एआई आधारित प्रतिच्छाया विश्लेषण का इस्तेमाल किया गया। सार्स-कोव-2 एक ऐसा विषाणु है जिससे कोविड-19 बीमारी होती है। इन कोशिकाओं पर अमेरिकी खाद्य एवं दवा प्रशासन (एफडीए) द्वारा मंजूर 1400 से अधिक दवाइयों एवं यौगिकों का इस विषाणु संबंधी संक्रमण से पहले या बाद में असर का परीक्षण किया गया और उनमें 17 की अच्छी संभावना नजर आयी। अच्छी संभावना वाली दस को हाल में मान्यता मिली थी जबकि रेमडेसिविर समेत सात की, दवा संबंधी भिन्न उद्देश्य अध्ययन में पहचान की गयी । रेमडेसिविर अस्पताल में भर्ती कोविड-19 मरीजों के लिए एफडीए संस्तुत उपचारों में एक है। मिशिगन विश्वविद्यालय के मेडिकल स्कूल के सहायक प्रोफेसर जोनाथन सेक्सटन ने कहा, ‘‘ पारंपरिक रूप से, दवा विकास प्रक्रिया में एक दशक लगता है। ’’ उन्होंने कहा , ‘‘ हमने जो थेरैपी (उपचार) ढूंढी है वे दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के लिए अच्छी स्थिति में हैं क्योंकि उनकी सुरक्षा पहले ही स्थापित हो चुकी है ।’’ वह इस अध्ययन पत्र के सात लेखकों में एक है।
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