काबुलः तालिबान ने राजधानी काबुल सहित अफगानिस्तान में लगभग सभी प्रांतों पर कब्जा कर लिया है, लेकिन युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है और पंजशीर प्रांत अभी भी तालिबान लड़ाकों के लिए एक चुनौती बना हुआ है। इस बीच तालिबान ने पंजशीर में घुसकर शूतर जिले पर कब्जा करने का दावा किया है।
वहीं, नॉर्दर्न अलायंस ने बड़ी संख्या में तालिबान लड़ाकों को मार गिराने और कब्जा करने का दावा किया है। माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर नॉर्दर्न एलायंस ने दावा किया कि 350 तालिबानी लड़ाके मारे गए हैं। "कल रात खवक की लड़ाई से अब तक तालिबान में 350 हताहत हुए हैं, 40 से अधिक पकड़े गए और जेल गए।
एनआरएफ को कई नए अमेरिकी वाहन, हथियार और गोला-बारूद एक ट्रॉफी के रूप में मिले।" अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से पंजशीर इकलौता ऐसा प्रांत है जहां तालिबान कब्जा नहीं कर सका है। अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति रहे अमरूल्ला सालेह ने ट्विटर पर लिखा कि तालिबान लड़ाके प्रांत के आसपास एकत्रित हो गए हैं।
वर्ष 2001 में तालिबान को हटाने के लिए अमेरिका का साथ देने वाले ‘नार्दर्न अलायंस’ संगठन के दिवंगत कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद ने कहा कि उसके लड़ाके भी पंजशीर में मौजूद हैं। काबुल से 120 किमी दूर उत्तर में बगलान प्रांत में स्वयं को ‘जन विद्रोह’ से जुड़ा बताने वाले लड़ाकों ने हिंदुकुश में अंदराब घाटी में तीन जिलों पर कब्जा करने का दावा किया।
तालिबान के प्रवक्ता मुजाहिद ने कहा कि पंजशीर प्रांत को घेरना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि ताकत से प्रांत पर कब्जा करने के किसी भी प्रतिरोध का उनके लड़ाके मुकाबला करेंगे लेकिन तालिबान के साथ वार्ता का रास्ता खुला है। तालिबान के प्रवक्ता मुजाहिद ने कहा कि तालिबान की योजना पंजशीर के लोगों से बात करने की है। उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक तो वहां लड़ाई नहीं हो रही। हम पंजशीर के लिए शांतिपूर्ण समाधान खोजना चाहते हैं।’’
अमेरिकी सेना सोमवार रात काबुल से रवाना हुई और वहां से निकलते ही तालिबान ने काबुल हवाईअड्डे पर कब्जा कर लिया। अमेरिका ने 31 अगस्त की समय सीमा से पहले अफगानिस्तान छोड़ दिया और आखिरी टुकड़ी रात 12 बजे अफगानिस्तान से रवाना हुई। इसके बाद अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी को लेकर खुद राष्ट्रपति जो बाइइन ने बड़ा बयान दिया।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति के 20 साल समाप्त हो गए। उन्होंने कहा, "पिछले 17 दिनों में, हमारे सैनिकों ने अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़ा एयरलिफ्ट किया है। उन्होंने इसे बेजोड़ साहस और दृढ़ संकल्प के साथ किया है। अब अफगानिस्तान में हमारी 20 साल की सैन्य उपस्थिति खत्म हो गई है।"
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने अमेरिकी सैनिकों की वापसी को अफगानिस्तान की आजादी से जोड़ा और कहा कि आज देश पूरी तरह से स्वतंत्र हो गया। जब काबुल हवाईअड्डे पर पूरी तरह से तालिबान का कब्जा हो गया, तो तालिबान आतंकवादियों ने हवा में गोलियां चलाकर इसका जश्न मनाया। तालिबान की इस फायरिंग से काबुल के स्थानीय लोग दहशत में हैं। तालिबान ने उन्हें बताया कि यह हमला नहीं था, बल्कि अमेरिका के जाने के बाद जश्न में फायरिंग की जा रही थी।
जयशंकर ने अपने ब्रिटिश समकक्ष राब से अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा की
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को अपने ब्रिटिश समकक्ष डोमिनिक राब से अफगानिस्तान की स्थिति पर बात की। एक सप्ताह में उनकी इस तरह की यह दूसरी बातचीत है। अफगानिस्तान में तेजी से बदल रहे घटनाक्रम, विशेषकर तालिबान के 15 अगस्त को देश पर कब्जा करने के बाद, भारत सभी प्रमुख देशों के साथ लगातार संपर्क में बना हुआ है।
जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब से फिर से बात करके अच्छा लगा। बातचीत अफगानिस्तान से संबंधित घटनाक्रम पर केंद्रित थी।’’ जयशंकर और राब के बीच बातचीत अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान से अपनी सेना की वापसी को पूरा करने के एक दिन बाद हुई। इससे पहले विदेश मंत्री ने 25 अगस्त को भी राब से अफगानिस्तान के संकट पर बात की थी।
जयशंकर ने बुधवार को ओमान के विदेश मंत्री सैयद बद्र अलबुसैदी से भी बात की। जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘ओमान के विदेश मंत्री बद्र अलबुसैदी से बात करके अच्छा लगा। अफगानिस्तान और कोविड पर चर्चा की।’’ भारत अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है।
पहले औपचारिक और सार्वजनिक रूप से स्वीकृत संपर्क में कतर में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल ने मंगलवार को तालिबान के वरिष्ठ नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई से मुलाकात की थी। भारतीय राजदूत और तालिबान नेता के बीच बैठक दोहा स्थित भारतीय दूतावास में तालिबान के अनुरोध पर हुई थी।