काबुल: तालिबान लड़ाकों के काबुल पर कब्जे के बाद अब अफगानिस्तान एक बार फिर करीब 20 साल पहले के इतिहास के दरवाजे पर आकर खड़ा हो गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर चले गए हैं।
तालिबान ने काबुल में राष्ट्रपति भवन पर भी कब्जा कर लिया है। अल-जजीरा न्यूज नेटवर्क पर प्रसारित वीडियो फुटेज में कई तालिबान लड़ाके अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन में दाखिल होते नजर आ रहे हैं। इस बीच एक बार फिर देश का नाम बदलने की बात सामने आई है।
अफगानिस्तान का नाम फिर बदला जाएगा!
सूत्रों के अनुसार तालिबान द्वारा देश को फिर से ‘इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान’ का नाम देने की उम्मीद है। 20 साल पहले जब अमेरिकी सैनिकों के आने से पहले भी तालिबान के सत्ता में रहते हुए अफगानिस्तान का यही नाम संगठन की ओर से घोषित किया गया था।
न्यूज एजेंसी एपी के अनुसार तालिबान के एक अधिकारी ने बताया कि संगठन जल्द ही ‘इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान’ नाम की घोषणा राष्ट्रपति भवन से करेगा। तालिबान के अधिकारी का नाम सामने नहीं आ सका है क्योंकि उसे मीडिया से बात करने का अधिकार प्राप्त नहीं है और उसने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर ये बात बताई।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अफगानिस्तान के हालात पर बैठक
बीस साल की लंबी लड़ाई के बाद अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से निकलने के कुछ ही दिनों के भीतर लगभग पूरे देश पर फिर से तालिबान का कब्जा हो गया है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) एस्टोनिया और नॉर्वे के अनुरोध पर अफगानिस्तान की स्थिति पर सोमवार को आपात बैठक करेगी।
बता दें कि रविवार सुबह काबुल पर तालिबान लड़ाकों की दस्तक के बाद ही राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया था। वहीं देशवासी और विदेशी भी युद्धग्रस्त देश से निकलने को प्रयासरत हैं, हालांकि काबुल हवाईअड्डे से वाणिज्यिक उड़ानें बंद होने के कारण लोगों की इन कोशिशों को झटका लगा है।
अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, भारत सहित अन्य देश भी अपने दूतावास से कर्मचारियों और अन्य लोगों को निकालने के प्रयास में जुटे हैं। दूसरी ओर अफगानिस्तान के नागरिक इस भय से देश छोड़ना चाहते हैं कि तालिबान उस क्रूर शासन को फिर से लागू कर सकता है जिसमें महिलाओं के अधिकार खत्म हो जाएंगे।
कई नागरिक अपने जीवन भर की बचत को निकालने के लिए नकद मशीनों के बाहर खड़े हो गए। वहीं काबुल में अधिक सुरक्षित माहौल के लिए देश के ग्रामीण क्षेत्रों में अपने घरों को छोड़कर आये हजारों की संख्या में आम लोग पूरे शहर में उद्यानों और खुले स्थानों में शरण लिये हुए दिखे।
(भाषा इनपुट)