अफगानिस्तानः अमरुल्लाह सालेह ने कहा-मैं देश में हूं और कार्यवाहक राष्ट्रपति हूं..
By सतीश कुमार सिंह | Published: August 17, 2021 08:36 PM2021-08-17T20:36:48+5:302021-08-17T21:16:08+5:30
Afghanistan: उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने ट्विटर पर खुद को युद्धग्रस्त देश का 'केयर टेकर' राष्ट्रपति घोषित किया है।
Afghanistan: अमरुल्लाह सालेह ने कहा कि मैं देश में हूं और कार्यवाहक राष्ट्रपति हूं। सालेह ने खुद को अफगान 'केयर टेकर' राष्ट्रपति घोषित किया।
अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने दावा किया है कि सप्ताहांत में काबुल में तालिबान के प्रवेश करने के साथ राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ कर चले जाने और उनका कोई अता-पता नहीं चलने के बाद उपराष्ट्रपति अब देश के ‘‘वैध’’ कार्यवाहक राष्ट्रपति हैं। अमरुल्लाह सालेह ने मंगलवार को ट्विटर पर यह घोषणा की।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान का संविधान उन्हें इसकी घोषणा करने की शक्ति देता है। उन्होंने लिखा है कि वह सभी नेताओं से संपर्क साध रहे हैं ताकि उनका समर्थन हासिल किया जा सके और सहमति बनाई जा सके। फिलहाल, पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और शांति परिषद प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला सहित कई अफगान नेता काबुल पर तालिबान का कब्जा होने के बाद से वार्ता कर रहे हैं।
Clarity: As per d constitution of Afg, in absence, escape, resignation or death of the President the FVP becomes the caretaker President. I am currently inside my country & am the legitimate care taker President. Am reaching out to all leaders to secure their support & consensus.
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) August 17, 2021
उपराष्ट्रपति ने लिखा, "राष्ट्रपति की अनुपस्थिति, पलायन, इस्तीफे या मृत्यु में अफगानिस्तान के संविधान के अनुसार, एफवीपी कार्यवाहक राष्ट्रपति बन जाता है। मैं वर्तमान में अपने देश के अंदर हूं और वैध कार्यवाहक राष्ट्रपति हूं। मैं सभी नेताओं तक पहुंच रहा हूं। उनके समर्थन और आम सहमति को सुरक्षित करें।"
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी रविवार को कथित तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्ला मुहिब और राष्ट्रपति फजल महमूद फाजली के प्रशासनिक कार्यालय के प्रमुख के साथ ताजिकिस्तान के लिए रवाना हो गए थे। तालिबान ने काबुल, राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया था। अफगानिस्तान के कुछ सांसद भी इस्लामाबाद भाग गए हैं।
अफगान मीडिया ने बताया कि अफगान संसद के अध्यक्ष मीर रहमान रहमानी, यूनुस कनुनी, मुहम्मद मुहाक, करीम खलीली, अहमद वली मसूद और अहमद जिया मसूद इस्लामाबाद भाग गए हैं। इसके साथ ही देशवासी और विदेशी भी युद्धग्रस्त देश से निकलने को प्रयासरत हैं, जो नये अफगानिस्तान के निर्माण के पश्चिमी देशों के 20 साल के प्रयोग की समाप्ति का संकेत है।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की तुलना वियतनाम से अमेरिकी सैनिकों की वापसी से किये जाने को खारिज कर दिया। इस बीच, लोग दूतावास परिसर में हेलीकॉप्टरों का उतरना देख रहे थे जो राजनयिकों को काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक नये ठिकाने पर ले जाने के लिए उतर रहे थे।
ब्लिंकन ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट रूप से वियतनाम नहीं है।’’ दो अधिकारियों ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि गनी हवाई मार्ग से देश छोड़ कर गए। बाद में अफगान राष्ट्रीय सुलह परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने इसकी पुष्टि की कि गनी देश से बाहर चले गए हैं। अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अफगानिस्तान को इस मुश्किल स्थिति में छोड़कर देश से चले गए हैं। अल्लाह उन्हें जवाबदेह ठहराएं।’’
अफगानिस्तान में लगभग दो दशकों में सुरक्षा बलों को तैयार करने के लिए अमेरिका और नाटो द्वारा अरबों डॉलर खर्च किए जाने के बावजूद तालिबान ने आश्चर्यजनक रूप से एक सप्ताह में लगभग पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया।
कुछ ही दिन पहले, एक अमेरिकी सैन्य आकलन ने अनुमान लगाया था कि राजधानी के तालिबान के दबाव में आने में एक महीना लगेगा। काबुल का तालिबान के नियंत्रण में जाना अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध के अंतिम अध्याय का प्रतीक है, जो 11 सितंबर, 2001 को अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के षड्यंत्र वाले आतंकवादी हमलों के बाद शुरू हुआ था।