अफगानिस्तान में तालिबान का आतंक, हजारा समुदाय के कई लोगों की बर्बरता से की हत्या
By विनीत कुमार | Updated: August 20, 2021 17:02 IST2021-08-20T14:54:27+5:302021-08-20T17:02:37+5:30
अफगानिस्तान पर लगभग पूरी तरह से तालिबान का कब्जा हो गया है। तालिबान अब अपनी छवि बदलकर दुनिया के सामने पेश करने की कोशिश में है। हालांकि, उसके आतंक से जुड़ी कई खबरें भी सामने आ रही हैं।

तालिबानी लड़ाकों ने की हजारा समुदाय के कई लोगों की हत्या (फाइल फोटो)
काबुल: तालिबान ने हाल में अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक हजारा समुदाय के कई लोगों की निर्ममता से हत्या कर दी है। ये दावा मानवाधिकार ग्रुप एमनेस्टी इंटरनेशनल ने किया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने इन लोगों के मारे जाने से संबंधित बेहद भयावह अनुभव सुनाए हैं।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार हजारा समुदाय के इन लोगों की हत्या गजनी प्रांत में जुलाई की शुरुआत में की गई थी। तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर रविवार (15 अगस्त) को कब्जा किया था और इसके बाद से अपनी छवि बदलकर दुनिया के सामने रखने का प्रयास कर रहा है।
हालांकि एमनेस्टी की रिपोर्ट के अनुसार जुलाई की शुरुआत में हुई भयावह घटना तालिबान शासन की असल तस्वीर पेश करती है। अफगानिस्तान में हजारा समुदाय तीसरा सबसे बड़ा धार्मिक ग्रुप है। इस समुदाय के लोग मुख्य तौर पर शिया इस्लाम की प्रथा का पालन करते हैं और सुन्नी बहुल अफगानिस्तान सहित पाकिस्तान में भी भेदभाव झेलते आए हैं।
हजारा समुदाय के 9 लोगों की हुई हत्या
इस संबंध में रिपोर्ट गुरुवार को प्रकाशित हुई थी। एमनेस्टी के अनुसार 4 से 6 जुलाई के बीच पूर्वी गजनी प्रांत के मलिस्तान जिले में 9 हाजरा समुदाय के लोग मारे गए। एमनेस्टी के सदस्यों ने प्रत्यक्षदर्शियों से इस संबंध में बात की और मौत के बाद फोटो आधारित सबूतों को भी परखा।
आरोपों के अनुसार कुल 6 लोगों के सिर में गोली मारी गई। वहीं तीन लोगों के साथ पहले काफी बर्बरता की गई और फिर उनका कत्ल कर दिया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक व्यक्ति की उसके ही स्कार्फ से गला घोंटकर हत्या की गई और उसके हाथ की मांसपेशियां काट दी गई। वहीं, दूसरे के शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए गए। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि उसने लड़ाकों से पूछा कि उन्होंने अपने लोगों पर इतनी क्रूरता क्यों की।
इस पर एक लड़ाके ने कथित तौर पर कहा, 'जब जंग का समय होता है, तो हर कोई मर जाता है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके पास बंदूकें हैं या नहीं। यह युद्ध का समय है।'
रिपोर्ट में साथ ही कहा गया है कि तालिबान द्वारा कब्जा किए गए कई क्षेत्रों में मोबाइल फोन सेवाओं को काट दिया गया है और इसलिए हत्या के बारे में जानकारी अब तक पूरी तरह से सामने नहीं आ सकी है।