ताजिकिस्तान में अफगान दूतावास ने हटाई पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी की तस्वीर, लगाई अमरुल्ला सालेह की तस्वीर

By सतीश कुमार सिंह | Published: August 18, 2021 04:48 PM2021-08-18T16:48:32+5:302021-08-18T16:50:42+5:30

काबुल पर तालिबान के कब्जे के साथ ही अमेरिका समर्थित गनी सरकार गिर गयी और राष्ट्रपति देश-विदेश के सामान्य लोगों की तरह देश छोड़ने पर मजबूर हो गए।

afghanistan news Afghan embassy in Tajikistan removes ex-President Ashraf Ghani's picture, puts Amrullah Saleh's photo instead | ताजिकिस्तान में अफगान दूतावास ने हटाई पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी की तस्वीर, लगाई अमरुल्ला सालेह की तस्वीर

उपराष्ट्रपति अब देश के ‘‘वैध’’ कार्यवाहक राष्ट्रपति हैं। अमरुल्ला सालेह ने ट्विटर पर यह घोषणा की।

Highlightsरूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ ने खबर दी है कि 72 वर्षीय राष्ट्रपति गनी नकदी से भरा हेलीकॉप्टर लेकर काबुल से भागे।चार कारें नकदी से भरी हुई थीं और उन्होंने सारा पैसा हेलीकॉप्टर में भरने की कोशिश की।सारी नकदी हेलीकॉप्टर में नहीं भरी जा सकी और उन्हें कुछ नकदी रनवे पर ही छोड़नी पड़ गई।

काबुलः ताजिकिस्तान स्थित अफगान दूतावास ने अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी की तस्वीर हटा दी है और दीवार पर अमरुल्ला सालेह की तस्वीर लगा दी है, जिन्होंने मंगलवार को खुद को अफगानिस्तान का 'केयर टेकर' राष्ट्रपति घोषित किया था।

एक ट्वीट में उन्होंने कहा था कि अफगानिस्तान के संविधान के अनुसार राष्ट्रपति की अनुपस्थिति, पलायन, इस्तीफा या मृत्यु में एफवीपी कार्यवाहक राष्ट्रपति बन जाता है। 15 अगस्त को तालिबान द्वारा देश पर कब्जा करने के बाद गनी देश छोड़कर भाग गया था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अब अबू धाबी में बस गए हैं। उथल-पुथल के बीच देश छोड़ने के अपने रुख का बचाव करते हुए, गनी ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा था कि रक्तपात को रोकने के लिए अफगानिस्तान छोड़ दिया। बताया गया कि गनी हेलीकॉप्टर में भारी मात्रा में पैसे लेकर अफगानिस्तान से भाग गया था।

अफगानिस्तान छोड़ने के बाद अपने पहले बयान में गनी ने रविवार को फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा। राष्ट्रपति ने लिखा है कि उनके सामने दो ‘‘मुश्किल विकल्प’’ थे, पहला राष्ट्रपति भवन में घुसने की कोशिश कर रहे ‘हथियारबंद तालिबान’ और दूसरा ‘‘अपने प्रिय देश को छोड़ना, जिसकी रक्षा में मैने अपने जीवन के 20 साल लगा दिये।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर फिर से अनगिनत संख्या में देश के नागरिक शहीद होते और काबुल में विध्वंस ही विध्वंस होता तो करीब 60 लाख की आबादी वाले शहर के लिए उसका परिणाम बेहद घातक होता। तालिबान ने मुझे हटाने का फैसला कर लिया था, वे यहां काबुल और काबुल के लोगों पर हमला करने आए हैं। ऐसे में रक्तपात से बचने के लिए, मुझे वहां से निकलना ही मुनासिब लगा।’’

युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान से भागते हुए राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अपने हेलीकॉप्टर में ठूंस-ठूंस कर नकदी भरी, लेकिन जगह की कमी के कारण नोटों से भरे कुछ बैग रनवे पर ही छोड़ने पड़ गये। रूस की आधिकारिक मीडिया ने खबर में यह दावा किया।

रिपोर्टों को ध्यान में रखते हुए, ताजिकिस्तान में अफगान दूतावास ने इंटरपोल पुलिस से गनी और उसके सहयोगियों हमदल्लाह मोहेब और फजल महमूद फ़ाज़ली को लोगों के धन को वापस करने के लिए सार्वजनिक धन की चोरी करने के आरोप में हिरासत में लेने के लिए कहा है।

अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति का दावा, ‘‘अब मैं हूं वैध कार्यवाहक राष्ट्रपति’

अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति ने दावा किया है कि सप्ताहांत में काबुल में तालिबान के प्रवेश करने के साथ राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ कर चले जाने और उनका कोई अता-पता नहीं चलने के बाद उपराष्ट्रपति अब देश के ‘‘वैध’’ कार्यवाहक राष्ट्रपति हैं। अमरुल्ला सालेह ने ट्विटर पर यह घोषणा की।

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान का संविधान उन्हें इसकी घोषणा करने की शक्ति देता है। उन्होंने लिखा है कि वह सभी नेताओं से संपर्क साध रहे हैं ताकि उनका समर्थन हासिल किया जा सके और सहमति बनाई जा सके। फिलहाल, पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और शांति परिषद प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला सहित कई अफगान नेता काबुल पर तालिबान का कब्जा होने के बाद से वार्ता कर रहे हैं। 

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