युद्ध के बादलों में पियानो बजाती एक महिला, यूक्रेन के लविवि रेलवे स्टेशन पर दिखा अद्भुत दृश्य, देखिए दिल झकझोर देने वाला वीडियो
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: March 6, 2022 19:15 IST2022-03-06T19:03:57+5:302022-03-06T19:15:41+5:30
युद्ध के कारण तबाह हो चुके यूक्रेन की भयावह तस्वीरों को देखकर पूरी दुनिया सकते में है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के महज एक फैसले से पूरी विश्व में अफरा-तफरी का महौल है।

युद्ध के बादलों में पियानो बजाती एक महिला, यूक्रेन के लविवि रेलवे स्टेशन पर दिखा अद्भुत दृश्य, देखिए दिल झकझोर देने वाला वीडियो
कीव:यूक्रेन-रूस युद्ध के ग्यारहवें दिन हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। रूसीसेना की भारी बमबारी के कारण कई यूक्रेनी परिवार के सदस्य एक-दूसरे से अलग हो गये हैं। बड़ी संख्या में यूक्रेनी महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सुरक्षित बचे रहने के लिए पड़ोसी मुल्कों में शरण ले रहे हैं।
युद्ध के कारण तबाह हो चुके यूक्रेन की भयावह तस्वीरों को देखकर पूरी दुनिया सकते में है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के महज एक फैसले से पूरी विश्व में अफरा-तफरी का महौल है।
इस बीच सोशल मीडिया यूक्रेन के लविवि रेलवे स्टेशन पर पियानो बजाती एक महिला के वीडियो से उम्मीद बंधी है कि युद्ध के दर्दनाक मंजर के बीच कुछ तो सुखद देखने को मिल रहा है।
Outside Lviv station, which is thronging with exhausted refugees fleeing war in eastern Ukraine, an accomplished pianist is playing “What a Wonderful World.” It’s hauntingly beautiful. pic.twitter.com/Xm5itr8jl7
— Andrew RC Marshall (@Journotopia) March 5, 2022
सोशल प्लेटफॉर्म ट्विटर पर साझा किए गए पियानो बजाते हुए वीडियो में महिला लुई आर्मस्ट्रांग के पियानो धुन पर 'व्हाट अ वंडरफुल वर्ल्ड' बजाते हुए दिखाई दे रही है। वहीं वीडियो के बैकग्राउंड में बदहवास और चिंतित लोगों की चहलकदमी वीडियो को बेहद इमोशनल बना रही है।
ट्विटर पर शनिवार को साझा किये गये इस 41 सेकेंड के वीडियो को अब तक लगभग 2.5 मिलियन से अधिक व्यूज मिल चुके हैं। युद्ध की विभिषिका के बीच पियानो का यह वीडियो जेम्स कैमरून की फिल्म 'टाइटैनिक' का वो दृश्य याद दिला रहे हैं, जिसमें जहाज डूबने के वक्त भी आर्केस्ट्रा बैंड म्यूजिक बजाता रहता है।
वहीं इसके साथ ऑस्कर विजेता रोमन पोलान्स्की की मशहूर फिल्म 'द पियानिस्ट' का प्लॉट भी कुछ ऐसा ही है। जिसमें द्वितीय विश्व युद्ध से मिले जख्मों को सिनेमा के पर्दे परर उतारा गया है।