लाहौर उच्च न्यायालय ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ को क्षतिपूर्ति बांड पर हस्ताक्षर किए बिना चार सप्ताह के लिए विदेश जाने की अनुमति दे दी है। आज हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।
पाकिस्तान की एक अदालत ने शनिवार को बीमार चल रहे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को इलाज के वास्ते चार सप्ताह के लिये विदेश जाने की अनुमति दे दी।
साथ ही अदालत ने इमरान खान सरकार को शरीफ का नाम बिना किसी शर्त के उन लोगों की सूची से हटाने का आदेश दिया, जिनके विदेश जाने पर रोक है। लाहौर उच्च न्यायालय ने सरकार को झटका देने वाले अपने आदेश में यह भी कहा कि चिकित्सकों की सिफारिशों के आधार पर विदेश में रहने की अवधि बढ़ाई जा सकती है।
शरीफ (69) प्लेटलेट कम होने समेत स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न जटिलताओं से जूझ रहे हैं। उनका इलाज फिलहाल लाहौर के पास उनके घर में चल रहा है जहां एक आईसीयू बनाया गया है।
बीमार चल रहे शरीफ इस शर्त के हटने पर इलाज के लिए ब्रिटेन जाएंगे। शरीफ (69) ने बृहस्पतिवार को लाहौर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी और अनुरोध किया था कि वह सरकार को नो फ्लाई सूची या एक्जिट कंट्रोल सूची (विदेश जाने से रोके गये लोगों की सूची) से उनका नाम हटाने का आदेश दे।
अदालत ने सरकार और राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो से शुक्रवार तक टिप्पणी मांगी थी। लाहौर उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति बकार नकवी की अगुवाई वाली दो सदस्यीय पीठ ने शरीफ की याचिका को विचारयोग्य घोषित किया तथा सरकार एवं शरीफ के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद सुनवाई शनिवार तक के लिए स्थगित कर दी।
बुधवार को संघीय सरकार ने शरीफ को इलाज के वास्ते चार हफ्ते के लिए ब्रिटेन जाने की एकबारगी इजाजत दी बशर्ते कि वह 700 करोड़ रुपये का हर्जाना बांड भरें। लेकिन पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के सुप्रीमो ने यह बांड भरने से मना कर दिया और कहा कि यह प्रधानमंत्री खान द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए उन्हें इस्तेमाल करने के लिए फंसाने का एक तरीका है।